पूछ रहे सब आपस में मिल जंगल के नर-नार l

पूछ रहे सब आपस में मिल जंगल के नर-नार l

कहाँ से आये राजकुमार !
देखन में लगते दोनों कितने सुन्दर सुकुमार !
कहाँ से आये राजकुमार !
एक साँवर एक गोर दुलरुआ संग में सुन्दर नारी l
जटा-जूट वल्कल पहने हैं तिलक किये धनुधारी ll
किसका सूना हुआ महल अब उजड़ा घर परिवार l
कहाँ से आये राजकुमार !
कंकड़-पत्थर चुभेंगे काँटे घोर भयावह वन में l
कैसे काली रात भयावह काटेंगे निर्जन में !
वृक्ष तले कोई कुटी छवाकर मिट्टी खर पतवार ll
कहाँ से आये राजकुमार !
कर चितचैन तनिक सुस्ता लें बर पिपरा के छाँव l
आओ मिलकर अर्ज करें रह जायें हमरे गाँव ll
छोड़-छाड़ सब रहूँ देखते इन्हें ही बारम्बार l
कहाँ से आये राजकुमार !
दशरथ कौशिल्या के नन्दन नगर अयोध्या धाम l
पीछे-पीछे लक्ष्मण आगे-आगे सीता-राम ll
कैकेई के हठ पर पितृ वचन के पालनहार l
अवध से आये राजकुमार !
चितरंजन 'चैनपुरा'
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