“दो सप्ताह होने को चले हैं बीपीएससी शिक्षक भर्ती परीक्षा का पेपर लीक हुए लेकिन उसकी जांच में कोई प्रगति दिखाई नहीं दे रही या यों कहें कि जाँच की गति बहुत धीमी है।” आनन्द माधव

“दो सप्ताह होने को चले हैं बीपीएससी शिक्षक भर्ती परीक्षा का पेपर लीक हुए लेकिन उसकी जांच में कोई प्रगति दिखाई नहीं दे रही या यों कहें कि जाँच की गति बहुत धीमी है।” आनन्द माधव

दो सप्ताह लगभग होने चला लेकिन बीपीएससी शिक्षक भर्ती परीक्षा प्रश्न पत्र लीक हुए मामले में कोई ख़ास प्रगति दिखाई नहीं दे रही है। जो थोड़ी बहुत जानकारी मिल रही है वह मीडिया के हवाले से मिल रही है। आर्थिक अपराध शाखा की ओर से पेपर लीक मामले में क्या जांच हुई है इसका कोई अपडेट नहीं मिल रहा है।कुछ लोगों कीं गिरफ़्तारी हुई और उनमें से कइयों को ज़मानत भी मिल गई, लेकिन पेपर लीक कैसे हुआ यह सवाल जहां का तहां खड़ा है।@


मीडिया के हवाले से कहा जा रहा था कि हजारीबाग के अलावा अन्य केंद्रों पर भी पेपर रटवाए जा रहे थे। यूपी के भी कुछ सेंटर के शामिल होने की बात कही गई थी। उनकी भी आज तक गिरफ्तारी नहीं हो पाई है।


क्या इतनी बड़ी लीक आयोग के अंदरूनी लोगों के शामिल हुए बिना संभव है? क्या बिहार लोकसेवा आयोग एवं शिक्षा विभाग संदेह के घेरे में नहीं है? अब तक आर्थिक अपराध शाखा ने इन दोनों जगहों में कोई कार्रवाई कयों नहीं की? क्यों नहीं छापेमारी की? कयों नहीं वहां के कर्मियों एवं पदाधिकारी से पूछताछ की? इतनी बड़ी संख्या में छात्रों तक इन सेंटरों की पहुंच कैसे हुई? क्या इसमें कुछ कोचिंग संचालक इसमें शामिल हैं? इस एंगल से भी जांच होनी चाहिए ।


इस मामले में ऐसा प्रतीत होता है कि छोटी मछलियों को पकड़ कर मामले को रफा-दफा करने की साजिश कर मामले के मगरमच्छ को बचाना चाहती है । आर्थिक अपराध शाखा को इस मामले में अब तक क्या जांच हुई है, और क्या तथ्य सामने आए हैं, इसकी जानकारी लोगों को देनी चाहिए एवं जल्द से जल्द अन्य दोषियों को भी पकड़ना चाहिए।
छात्रों मे आक्रोश है, वे बेरोज़गार हैं, सड़क पर हैं, उन्हें न्याय चाहिये- युवा न्याय ।

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