मानव अधिकार रक्षक की पहल पर अखिलेश शर्मा को मिला न्याय

मानव अधिकार रक्षक की पहल पर अखिलेश शर्मा को मिला न्याय

दिव्य रश्मि संवाददाता जितेन्द्र कुमार सिन्हा की खबर |
अपनी पत्नी की हत्या से काफी सदमे में चले रहे, हताशा और निराशा के साथ अपनी पत्नी के हत्यारों का पता होते हुए भी सजा न मिलने, जिसके लिए पूरी एड़ी चोटी का जोड़ लगा रखा, लेकिन फिर भी न्याय नहीं मिलने से परेशान रहे घोसी थाना अंतर्गत निवासी सिक्योरिटी गार्ड अखिलेश शर्मा ने मानव अधिकार रक्षक से अपनी व्यथा कही थी। मानव अधिकार रक्षक की पहल पर जहानाबाद पुलिस अधीक्षक ने दिल्ली चल कर अभियुक्तों को गिरफ्तार करने का आदेश घोसी थाना को दिया था। उक्त करवाई के बाद दोषी व्यक्ति स्वयं थाना में जाकर आत्म समर्पण (सरेंडर) कर दिया है। उक्त जानकारी मानव अधिकार रक्षक संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष अरविंद कुमार ने दी।

उन्होंने बताया कि यह बात सही है कि सच परेशान हो सकता है लेकिन पराजित नहीं। अखिलेश शर्मा के साथ मानव अधिकार रक्षक संस्था मुस्तैदी से खड़ी थी। मामले को संस्था की संस्थापिका रीता सिन्हा ने काफी गंभीरता से ली थी, दोषियों को सजा दिलाने के लिए, दिल्ली तक चली गई थी। तब जाकर आरोपी ने आत्म समर्पण किया और अखिलेश शर्मा को न्याय मिला। अपराधी गिरफ्त में नही आने पर कुर्की वारंट के भय से अपराधियों ने थाना में जाकर आत्म समर्पण (सरेंडर) कर दिया।

राष्ट्रीय अध्यक्ष अरविन्द कुमार ने बताया कि अखिलेश शर्मा इस निर्णय से काफी खुश हैं और खुशी में वे अपने शुभचिंतकों के बीच अपनी खुशी का इजहार करते हुए खुशी के साथ मिठाई बांट रहे हैं। इसी बीच श्री शर्मा मानव अधिकार रक्षक के राष्ट्रीय अध्यक्ष को मुंह मीठा कराने के लिए संगठन कार्यालय में पहुंच कर उन्हें मुंह मीठा कराया।

उन्होंने बताया कि श्री शर्मा का मामला यह था कि सिक्योरिटी गार्ड अखिलेश शर्मा ने अपनी पत्नी विभा देवी की हत्या का मामला घोसी थाना में दर्ज रहने के बावजूद अभियुक्तों की गिरफ्तारी नही हो रहा था। जब श्री शर्मा ने अभियुक्तों की गिरफ्तारी नहीं किए जाने की लिखित शिकायत मानव अधिकार रक्षक संस्था से करते हुए सहयोग करने का अनुरोध किया था। तब उनके अनुरोध पर मानव अधिकार रक्षक ने पहल करते हुए जहानाबाद पुलिस अधीक्षक से मिलकर उनके समक्ष पूरे मामले को रखा था। मामले पर संज्ञान लेते हुए पुलिस अधीक्षक जहानाबाद ने तुरंत थाना प्रभारी, घोसी को सख्त आदेश दिया था कि 10 दिनों के अंदर नामजद अभियुक्तों की गिरफ्तारी हो जानी चाहिए। थाना प्रभारी, घोसी ने जब आदेश पर कोई करवाई नहीं की। तब मानव अधिकार रक्षक संस्था ने पुनः एसएसपी कार्यालय, जहानाबाद जाकर थाना प्रभारी, घोसी द्वारा मामले में कोई कार्यवाही नहीं करने की जानकारी दी थी। पुलिस अधीक्षक, जहानाबाद ने पुनः संज्ञान ली और उसके बाद अभियुक्त आत्म समर्पण किया।

राष्ट्रीय अध्यक्ष ने बताया कि हत्या से संबंधित यह मामला घोसी थाना में 01 अप्रैल, 2023 को संख्या 218/23 दर्ज किया गया था। इस मामले में अभियुक्तों की गिरफ्तारी की मांग की गई थी।

उन्होंने बताया गया मानव अधिकार रक्षक संस्था की संस्थापिका रीता सिन्हा ने इस बात को दोहराते हैं कहा कि "न्याय व्यवस्था को मजबूत करने का जो संकल्प हमारी संस्था (मानव अधिकार रक्षक) ने लिया है उसे हम हर हाल में पूरा करेंगे" और खासकर तो सबसे पहले अपने बिहार में।
हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews https://www.facebook.com/divyarashmimag

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ