राजा नारायण सिंह के जीवन पर लिखित नाटक का पांडुलिपि प्रस्तुतीकरण

राजा नारायण सिंह के जीवन पर लिखित नाटक का पांडुलिपि प्रस्तुतीकरण

हमारे दिव्य रश्मि संवाददाता अरविन्द अकेला की खबर
औरंगाबाद,(दिव्य रश्मि)।देव प्रखंड के ऐतिहासिक ग्राम रियासत पवर्ई में जिला हिंदी साहित्य सम्मेलन औरंगाबाद के तत्वावधान में नाटककार प्रेम शंकर प्रेमी रचित नाटक राजा नारायण सिंह पर परिसंवाद कार्यक्रम एवं पांडुलिपि प्रस्तुतीकरण का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता औरंगाबाद जिला हिंदी साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष डॉ.सिद्धेश्वर प्रसाद सिंह ने किया जबकि संचालन महामंत्री धनंजय जयपुरी द्वारा किया गया।
परिसंवाद के क्रम में राजा नारायण सिंह के जीवन वृतांत एवं उनके संघर्षमय गाथा को इंगित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि प्रेमी जी का यह नाटक अत्यंत ही सराहनीय एवं प्रशंसनीय है।वर्तमान समय में जो घटनाक्रम चल रहा है उस पर अत्यंत ही संपोषित है।
नाटक के लेखक ने राजा नारायण सिंह के जीवन पर वृतांत को सुनाया।उनके जीवन पर शोध परक आलेखों को प्रकाशित करवाने के लिए चर्चा की गई। चांद बाबू एवं अन्य सदस्यों ने एक प्रस्ताव पारित किया कि रमेश चौक के समीप जो राजा नारायण सिंह की एक और प्रतिमा रखी गई है उसे पवई गांव के तालाब के पास अथवा विद्यालय में स्थापित कर दिया जाए। लोगों ने यह भी कहा कि राजा नारायण सिंह के जीवन के जो अनछुए पहलू हैं जो हम नहीं जानते हैं उसे साहित्य के माध्यम से प्रकाशित किया जाए। मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित डॉ.सुरेंद्र प्रसाद मिश्रा व कांग्रेस के वरीय नेता शैलेंद्र दुबे की गरिमामई उपस्थिति रही। राजा नारायण सिंह के वंशज चांद बाबू, प्रसिद्ध कवि लवकुश प्रसाद सिंह, जिला उपाध्यक्ष सुरेश विद्यार्थी,शिव शिष्य पुरुषोत्तम पाठक पूर्व मुखिया विनय कुमार मिश्रा,कवि जनार्दन मिश्रा जलज,विनय मामूली बुद्धि,अनिल मिश्रा अनु, नागेन्द्र केसरी, अनुज बेचैन, राकेश कुमार मिश्रा, राजीव कुमार सिंह, रामता सिंह ,नवीन कुमार सिंह अधिवक्ता अमरेन्द्र कुमार सिंह सहित अन्य उपस्थित थे। कार्यक्रम का समापन कवियों के द्वारा काव्य पाठ के साथ किया गया।
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