हाले दिल सबको सुनाया न करो,
किस्सा ए इश्क बताया न करो।यह दिलजलों की बस्ती है,
सब पर ऐतबार जताया न करो।
बड़े बेदर्द हैं लोग इस बस्ती में,
जख्मों पे मरहम लगवाया न करो।
सुनायेंगे किस्से प्यार के भरी महफ़िल,
घर की बात बाहर बताया न करो।
डॉ अ कीर्ति वर्द्धन
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