भरोसा

भरोसा

व्यक्ति के कथनी-करनी से ही भरोसे का जन्म होता है,और कथनी-करनी से ही भरोसा खत्म हो जाता हैं।
भरोसा एक ऐसा विश्वास है जो हमें दूसरों के साथ जुड़ने और संबंध बनाने की अनुमति, अनुभूति एवं प्रेरणा देता है। यह हमें प्यार, परिवार, दोस्ती, सहभागिता एवं सहयोग जैसे संबंधों का अनुभव करने में सक्ष्म बनाता है।
भरोसा करना आसान नहीं है। हमें दूसरों के साथ अपने अनुभवों और आकांक्षाओं को साझा करने की आवश्यकता होती है। हमें यह भी जोखिम उठाना चाहिए कि हमें निराश किया जा सकता है।
लेकिन भरोसा करने का मूल्य है। यह हमें एक अधिक पूर्ण और सार्थक जीवन जीने में मदद करता है।
"सनातन"
(एक सोच , प्रेरणा और संस्कार) पंकज शर्मा (कमल सनातनी)
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