भारत में उच्च रक्तचाप के संबंध में युवा वयस्कों में व्याप्त अज्ञानता से निपटने के लिए ग्लेनमार्क फार्मा और ओमरॉन हेल्थकेयर इंडिया ने मिलाया हाथ

भारत में उच्च रक्तचाप के संबंध में युवा वयस्कों में व्याप्त अज्ञानता से निपटने के लिए ग्लेनमार्क फार्मा और ओमरॉन हेल्थकेयर इंडिया ने मिलाया हाथ

  • घर पर रक्तचाप की निगरानी के लिए सही उम्र (18 वर्ष) पर जागरूकता पैदा करने के लिए की साझेदारी
  • एक वर्ष में लगभग 92,000 हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स (एचसीपी) और लगभग दस करोड़ भारतीयों तक पहुंचने का लक्ष्य

रिसर्च में अग्रणी एक इंटीग्रेटेड ग्लोबल फार्मास्युटिकल कंपनी ग्लेनमार्क फार्मास्यूटिकल्स लिमिटेड (ग्लेनमार्क) ने होम ब्लडप्रेशर मॉनिटरिंग और हृदय रोग प्रबंधन के लिए सॉल्यूशन उपलब्ध कराने वाली ग्लोबल जापानी कंपनी की भारतीय इकाई ओमरॉन हेल्थकेयर इंडिया के साथ हाथ मिलाया है। यह साझेदारी घर पर रक्तचाप की निगरानी के लिए सही उम्र (18 वर्ष) पर जागरूकता पैदा करने के लिए की गई है।

सही उम्र पर रक्तचाप की जांच शुरू करने से संबंधित दिशानिर्देशों की कमी के कारण जांच शुरू करने में उपेक्षा हुई है, जिसका नतीजा यह हुआ है कि कई लोग उच्च रक्तचाप और इसकी जटिलताओं की चपेट में आ गए हैं। इस गंभीर मुद्दे से निपटने के लिए ग्लेनमार्क ने पूरे भारत में 94 हृदय रोग विशेषज्ञों के साथ चर्चा शुरू की, जिससे इस बात पर सर्वसम्मति बनी कि रक्तचाप की जांच शुरू करने के लिए 18 वर्ष एक आदर्श उम्र है। विशेषज्ञों का यह सर्वसम्मत बयान ‘जर्नल ऑफ द एसोसिएशन ऑफ फिजिशियन ऑफ इंडिया (जेएपीआई)’ में 2020 में प्रकाशित हुआ था।
ग्लेनमार्क और ओमरॉन हेल्थकेयर इंडिया की इस पहल को “Take Charge @18” नाम दिया गया है। इसमें भारत में बेचे जाने वाले प्रत्येक ओमरॉन ब्लड प्रेशर मॉनिटर में एक इनले कार्ड को शामिल करके इस मुद्दे के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए प्रभावी कम्युनिकेशन शामिल किया गया है। यह संदेश सही उम्र यानी 18 वर्ष में रक्तचाप की जांच शुरू करने के महत्व को बताता है। इसका उद्देश्य उन रोगियों और देखभाल करने वालों को प्रोत्साहित करना है, जिनके पास यह इनले कार्ड आता है, ताकि वे 18 वर्ष या उससे अधिक उम्र के परिवार के कम से कम चार सदस्यों को अपने रक्तचाप की निगरानी शुरू करने और इसे अपनी सेहत की जरूरी देखभाल का हिस्सा बनाने के लिए संवेदनशील बना सकें। यह संदेश ओमरॉन कनेक्ट ऐप में भी इंटीग्रेट किया जाएगा, जिससे यह सुनिश्चित होगा कि यह इसके सभी ग्राहकों और ओमरॉन सोशल मीडिया और वेबसाइटों पर भी पहुंचे।

इस जागरूकता अभियान को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाने के लिए लगभग 92,000 हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स (एचसीपी) तक पहुंचने का प्रयास किया जाएगा। इस व्यापक दृष्टिकोण का उद्देश्य रक्तचाप की शीघ्र जांच को बढ़ावा देना और उच्च रक्तचाप जागरूकता को लेकर व्यापक प्रभाव कायम करना है। दस करोड़ भारतीयों के बीच जागरूकता बढ़ाने के एक महत्वपूर्ण लक्ष्य के साथ, यह सहयोग “Take Charge @18” के माध्यम से उच्च रक्तचाप से निपटने और एक स्वस्थ समाज को बढ़ावा देने के लिए ग्लेनमार्क की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है और साथ ही निवारक स्वास्थ्य देखभाल पर ध्यान केंद्रित करते हुए “Going for Zero” के अपने विजन को साकार करने के लिए ओमरॉन के समर्पण और प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है। ओमरॉन का यह विजन दिल के दौरे और मस्तिष्क स्ट्रोक की घटनाओं को एकदम खत्म करने से संबंधित है। ये घटनाएं उच्च रक्तचाप के कारण होती हैं।

इस सहयोग के बारे में बोलते हुए ग्लेनमार्क फार्मास्यूटिकल्स लिमिटेड के एक्जीक्यूटिव वाइस प्रेसिडेंट और हैड ऑफ इंडिया फॉर्मूलेशन आलोक मलिक ने कहा, ‘‘उच्च रक्तचाप चिकित्सा में अग्रणी होने के नाते हम सार्वजनिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए समर्पित होकर काम कर रहे हैं। ओमरॉन हेल्थकेयर इंडिया के साथ हमारा सहयोग उच्च रक्तचाप और प्रारंभिक रक्तचाप जांच के बारे में जागरूकता बढ़ाने की हमारी प्रतिबद्धता का प्रमाण है। भारत में युवा वयस्कों में उच्च रक्तचाप की घटनाओं में चिंताजनक वृद्धि हुई है। देश में लगभग 10-30 प्रतिशत युवा वयस्क (40 वर्ष की आयु से कम) उच्च रक्तचाप से पीड़ित हैं। साथ मिलकर, हमारा लक्ष्य है कि हम लोगों को कम उम्र से ही अपने स्वास्थ्य की सक्रिय रूप से रक्षा करने के लिए सशक्त बना सकें।’’

ओमरॉन हेल्थकेयर इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर तेत्सुया यामादा ने कहा, ‘‘हमने ग्लेनमार्क फार्मास्यूटिकल्स के “Take Charge @18” अभियान के साथ इसलिए साझेदारी की है, क्योंकि उनका यह अभियान दरअसल हमारे “Going for Zero” के विजन के साथ पूरी तरह से मेल खाता है। हमारा यह विजन स्ट्रोक और दिल की विफलता जैसी उच्च रक्तचाप से होने वाली बीमारियों को काफी हद तक कम करता है। हमारे आंतरिक अध्ययनों से संकेत मिलता है कि भारत में उच्च रक्तचाप से ग्रस्त रोगियों में से सिर्फ 2 प्रतिशत के आसपास रोगी ऐसे हैं, जो रक्तचाप को मॉनिटर करते हैं। हम इस अभियान के संदेश को अपने उत्पादों और सेवाओं में एकीकृत कर रहे हैं और इस तरह हमारा लक्ष्य लाखों लोगों को स्वस्थ जीवन जीने के लिए प्रेरित करना है।’’

यदि नियमित रक्तचाप की निगरानी कम उम्र में ही शुरू कर दी जाए, तो इसका लोगों के समग्र स्वास्थ्य पर दीर्घकालिक प्रभाव पड़ सकता है। युवा भारतीयों में हार्ट अटैक के मामलों में हालिया वृद्धि एक चिंताजनक प्रवृत्ति है। व्यापक उच्च रक्तचाप प्रबंधन और डेटा मॉनिटरिंग के बारे में जागरूकता निकट भविष्य में हृदय संबंधी ऐसीघटनाओं के प्रबंधन और रोकथाम में बहुत मददगार हो सकती है।
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) द्वारा किए गए एक हालिया क्रॉस-सेक्शनल अध्ययन के अनुसार, उच्च रक्तचाप की व्यापकता में चिंताजनक वृद्धि दर्ज की गई है। 2014 में 20$ आयु वर्ग के लोगों में 29.8 प्रतिशत लोग उच्च रक्तचाप से पीड़ित थे, जबकि वर्तमान दौर में यह समस्या 35.5 प्रतिशत लोगों तक पहुंच गई है। शहरी क्षेत्रों में, यह प्रचलन और भी अधिक है, जो बढ़कर 40.7 प्रतिशत हो गया है। चौंकाने वाली बात यह है कि भारत की आधी आबादी इस बात से अनजान है कि वे उच्च रक्तचाप से प्रभावित हैं। उम्रदराज लोगों की तुलना में युवा पीढ़ी में जागरूकता बहुत कम है। भारत ने इस मुद्दे से प्रभावी रूप से निपटने के अपने प्रयासों के तहत, 2025 तक 18 वर्ष और उससे अधिक उम्र के लोगों में उच्च रक्तचाप (बीपी) के प्रसार में 25 प्रतिशत की सापेक्ष कमी लाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए उच्च रक्तचाप के बारे में जागरूकता बढ़ाने की दिशा में ठोस प्रयास करने की आवश्यकता है। इसके अतिरिक्त, लोग अगर अधिक जागरूक होंगे, तो वे प्रबंधन संबंधी रणनीतियों को ज्यादा प्रभावी तरीके से अपना सकेंगे।
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