नर से ना कम हैं नारी.

नर से ना कम हैं नारी.

नर से ना हम कम है नारी
हर क्षेत्र की हम अधिकारी.


पहने हम वर्दी से खादी
सहना सकी घर की बर्बादी.
चूल्हे चौके की हम रानी
मेरे बस में दुनिया सारी.


नर से ना हम कम है नारी
हर क्षेत्र की हम अधिकारी.


असीम प्रसव पीड़ा को सहती
किलकारी से घर को भरती
घर आंगन को चमन बनाकर
करती घर की चौकीदारी.

नर से ना हम कम है नारी.
हर क्षेत्र की हम अधिकारी.


लाज शरम हैं मेरे गहनें
अत्याचार नही है सहने
धौंर्य विवेक से लेते काम
दुख पर हम परतें है भारी.


नर से ना हम कम है नारी
हर क्षेत्र की हम अधिकारी.


पंचायत संसद में हम है
लेकिन अपना हृदय नरम हैं.
रण में रण चण्डी बन जाती
समझों ना अबला सुकुमारी.


नर से ना हम कम है नारी
हर क्षेत्र की हम अधिकारी.


लेखिका
यशोदा शर्मा. आशियाना नगर पटना 800025
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