बिहार दिवस

बिहार दिवस

सदा गौरवशाली रहा बिहार ,
गौरवशाली सदा यह रहेगा ।
भारत का एक एक बच्चा भी ,
बिहार की गाथा सदा कहेगा ।।
बिहारी ही प्रचलित गौतम बुद्ध ,
बिहारी हुए थे महावीर जैन ।
बिहारी ही थे राजेंद्र व कुंअर ,
जिनको बिहार बसाया था नैन ।।
देशभक्ति में अग्रसर रहनेवाला ,
बिहार ही सर्वत्र यह होता है ।
भारत को डुबोता नयनों में तो ,
दुश्मनों के सीने चाकू चुभोता है।।
बिहार होता स्वयं स्वाभिमानी ,
किन्तु नहीं उसे ही अभिमान है ।
स्वयं किसी से उलझ न सकता ,
किन्तु पीछे हटने को न तैयार है।।
बिहार में आ विहार भी कर लो ,
हार्दिक स्वागत बिहार आने का ।
अरुण दिव्यांश स्वागत में खड़ा ,
समय नहीं अवसर गंवाने का ।।
पूर्णतः मौलिक एवं
अप्रकाशित रचना
अरुण दिव्यांश
डुमरी अड्डा
छपरा ( सारण )बिहार ।
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