इंग्लैंड और अमेरिका के दुष्प्रचार को हल्के से नहीं लेना चाहिए:-आचार्य रामेश्वर मिश्र पंकज

इंग्लैंड और अमेरिका के दुष्प्रचार को हल्के से नहीं लेना चाहिए:-आचार्य रामेश्वर मिश्र पंकज

इंग्लैंड और अमेरिका के दुष्प्रचार को हल्के से नहीं लेना चाहिए क्योंकि इसी तरह का प्रचार करते करते फिर एक परिवेश बनाकर या प्रकरण बनाकर अचानक उसके आधार पर स्वयं इकतरफा कार्यवाही किया करते हैं। सत्य के आधार पर किसी क्रिया का कोई भी उदाहरण इंग्लैंड फ्रांस अमेरिका आदि का अन्य देशों के संदर्भ में आज तक नहीं मिलता।।
शिक्षा और संचार माध्यमों में 75 वर्षों से अज्ञान और असत्य के फैलाव के कारण भारत के अधिकांश शिक्षित जन यह नहीं जानते कि इंग्लैंड के राज्य ने भारत में हस्तक्षेप कैसे किया?(देशभक्ति के नाम पर बक बक से फुरसत मिले तब तो)
यह उस समय के भी वैश्विक नियमों के विपरीत था कि आप अचानक दूर देश की राजनीति में हस्तक्षेप करें अतः ब्रिटिश शासन भारत में राजनीतिक हस्तक्षेप कर नहीं सकता था।
(हाय हाय हम गुलाम क्यों हो गए ,कहकर छाती पीटने वाले अभागों को यह तथ्य तक पता नहीं ।
किसी बात को धीरज से समझने का समय नहीं उन्हें।बस बकबक करनी है और देश को शताब्दियों से गुलाम कहने का देशद्रोह करते रहना है।)
वस्तुतः, 1857-58 में ब्रिटिश राज्य भारत में राजनीतिक हस्तक्षेप करे,इसके लिए एकमात्र बहाना यह बनाया गया कि कंपनी के लोगों ने यह झूठ उड़ा दिया और लिखित शिकायत दर्ज कराई कि भारत के वे धर्मनिष्ठ राजा रानी आदि जो कंपनी के विरुद्ध युद्ध कर रहे हैं अर्थात हमें मार भगाना चाह रहे हैं,वे भारत में रह रहे यूरोप निवासी सभी स्त्रियों बच्चों बूढ़ों बड़ों, सब की हत्या कर रहे हैं धर्म में अंधों की तरह। इसलिए ब्रिटिश शासन को हस्तक्षेप करना चाहिए ।
और इसी की आड़ बनाकर जल्दी-जल्दी राजाओं से मैत्रीपूर्ण संधि करके ब्रिटिशशासन ने हस्तक्षेप किया।
इसलिए झूठा मामला बनाना, फिर उसका प्रचार करना फिर आप उसका व्यवस्थित खंडन नहीं करें तो उसी की आड़ बनाकर कोई कदम उठा देना ,यह उनका स्वभाव है।
इसलिए उनके प्रत्येक प्रचार का व्यवस्थित खंडन स्वतंत्र समाज के शासकों का कर्तव्य है ।
दुर्भाग्यवश यह कर्तव्य 75 वर्षों से आज तक व्यवस्थित रूप में नहीं किया गया है ।केवल सफाई दी जाती रही है। सफाई देना अलग बात है ।उसे झूठ सिद्ध करते हुए उसका खंडन करना अलग बात।
अब कभी कभी s जयशंकर जैसे तेज तर्रार मन्त्रीव्यवस्थित खण्डन करने लगे हैं।उनके हर भारत विरोधी झूठ का खण्डन राष्ट्र के हित में आवश्यक है।
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