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पधारो प्यारा राजस्थान

पधारो प्यारा राजस्थान

थानै पलकां प बिठाल्यां, थानै हिवड़ा म बसाल्यां।
थारी घणी करां मनुवार, पधारो म्हारा राजस्थान।
पधारो प्यारा राजस्थान, रंगीलो म्हारो राजस्थान।


रणवीरां री धाक घणीं, तलवारा रो गुमान घणो।
राणा प्रताप री यशगाथा, माटी रो गौरवगाण घणो।
मोतीड़ा मीठी बोल्यां रा,हेत बरसै हिवड़ै माही।
माटी री आनबान खातिर, हाजिर हो ज्या भाई भाई।
पधारो प्यारा राजस्थान, रंगीलो म्हारो राजस्थान।


केसरियो लहरावै ऊंचो, करां सत्कार घणो सम्मान।
आमेर जोधपुर जयपुर है,रजवाड़ा री घणी पिछाण।
उदयपुर चित्तौड़ दुर्ग कवै, वीर लड़ता घणा घमसाण।
तीज त्योहार चावै घणां, मिनखां री मनुवार घणी।
पधारो प्यारा राजस्थान, रंगीलो म्हारो राजस्थान।


होळी में जद रसिया नाचै, गणगौर चालै बणी-ठणी।
बै पगड़ी बै बागां सोवै, मोचड़ी पगां देवै शान।
काकड़ी मतीरा खाल्यो, पधारो म्हारा राजस्थान।
पधारो प्यारा राजस्थान, रंगीलो म्हारो राजस्थान।


बाजरा का सीटां तोड़ो, चालो म्हारा खेत मं।
दो घड़ी सांस लेल्यो, बैठ ठंडी बाळू रेत मं।
राबड़ी रो फटकारो ल्यो, म्हारै गांव री गुवाड़ चालै।
थानै जिमास्यां सगळा, सगळा पूछंगा थारां हाल।
पधारो प्यारा राजस्थान, रंगीलो म्हारो राजस्थान।


रमाकांत सोनी सुदर्शन
नवलगढ़ जिला झुंझुनू राजस्थानरचना स्वरचित व मौलिक है @ सर्वाधिकार सुरक्षित
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