मेरी आवाज़
आवाज़
जो मुल्क की बेहतरी के लिए है,
इसे कोई कोई दबा नहीं सकता।
यह तो सच है कि
आज खड़ी कर दी हैं
ऊँची-ऊँची दीवारें
मेरे चारों और
इस मुल्क के रहनुमाओं ने,
मगर यह भी सच है
जो आवाज़ उठायी थी
मैंने सदियों पहले
वह आवाज़ आज भी
बेजुबान नहीं है।
तुम ही तो हो
जो बने हो
मेरी आवाज़
और रखे हो उसे जिन्दा
किसी शोले के मानिंद।
विवश करते हो
इन बेगैरत रहनुमाओं को,
ऊँची दीवारों के पार
झांकने की खातिर।
तुम्हारा तना सीना
इन्हे नागवार गुजरता है
तुम्हारा सुलगना, दहकना
शोलों के मानिंद
इनकी आत्मा को
तार-तार करता है।
डॉ अ कीर्तिवर्धन
हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews https://www.facebook.com/divyarashmimag
0 टिप्पणियाँ
दिव्य रश्मि की खबरों को प्राप्त करने के लिए हमारे खबरों को लाइक ओर पोर्टल को सब्सक्राइब करना ना भूले| दिव्य रश्मि समाचार यूट्यूब पर हमारे चैनल Divya Rashmi News को लाईक करें |
खबरों के लिए एवं जुड़ने के लिए सम्पर्क करें contact@divyarashmi.com