रामचरितमानस का अपमान करनेवालों को तत्‍काल बंदी बनाया जाए तथा झूठी जानकारी प्रसारित कर भारत के प्रधानमंत्री एवं हिन्‍दू समाज की छवि धूमिल करनेवाले ‘बीबीसी न्‍यूज’ एवं अन्‍य दोषियों पर कठोर कानूनी कार्यवाही हो ! - हिन्‍दू जनजागृति समिति की मांग

रामचरितमानस का अपमान करनेवालों को तत्‍काल बंदी बनाया जाए तथा झूठी जानकारी प्रसारित कर भारत के प्रधानमंत्री एवं हिन्‍दू समाज की छवि धूमिल करनेवाले ‘बीबीसी न्‍यूज’ एवं अन्‍य दोषियों पर कठोर कानूनी कार्यवाही हो ! - हिन्‍दू जनजागृति समिति की मांग

वाराणसी - कुछ दिन पूर्व ‘ब्रिटिश ब्रॉडकास्‍टिंग कॉर्पोरेशन (बीबीसी) न्‍यूज’ ने ‘इंडिया : द मोदी क्‍वेश्‍चन’ नाम से 2 भागों में लघुफिल्‍म (डॉक्‍यूमेंट्री) बनाई तथा उसका 1 भाग यू-ट्यूब पर प्रसारित किया । इसमें वर्ष 2002 में गुजरात में हुए दंगों के विषय में गुजरात के तत्‍कालीन मुख्‍यमंत्री अर्थात आज के भारत के प्रधानमंत्री श्री. नरेंद्र मोदी की भूमिका पर प्रश्‍नचिन्‍ह उठाया गया है । गुजरात दंगे की गहरी जांच के लिए मा. सर्वोच्‍च न्‍यायालय के आदेश से गठित ‘विशेष जांच दल’(SIT) ने गुजरात के तत्‍कालीन मुख्‍यमंत्री श्री. नरेंद्र मोदीजी को ‘क्‍लीन चीट’ दी थी । साथ ही वर्ष 2012 में मा. सर्वोच्‍च न्‍यायालय द्वारा गठित जांच समिति के ब्‍योरे के अनुसार मा. नरेंद्र मोदीजी को क्‍लीन चिट देकर उन पर लगे आरोप खारिज किए थे । पिछले वर्ष इन्‍हीं आरोपों के संदर्भ में सर्वोच्‍च न्‍यायालय ने दूसरी बार भी मा. मोदीजी को ‘क्‍लीन चिट’ दी । यह भारतविरोधी अंतरराष्‍ट्रीय स्‍तर का षड्‍यंत्र है तथा उसके माध्‍यम से ‘बीबीसी न्‍यूज’ने भारत के आदरणीय प्रधानमंत्री की छवि धूमिल करने की योजना है । इसपर कार्यवाही करने की मांग को लेकर हिन्‍दू जनजागृति समिति की ओर से यहां के जिलाधिकारी को ज्ञापन दिया गया । इस समय इंडिया विथ विजडम के संस्‍थापक एवं राष्ट्रीय अध्‍यक्ष अधिवक्‍ता कमलेशचंद्र तिवारी, अधिवक्‍ता संजीवन यादव, अधिवक्‍ता मदन मोहन यादव, अधिवक्‍ता रोहित मौर्य, अधिवक्‍ता श्‍याम वर्मा व अन्‍य अधिवक्‍ता गण तथा हिन्‍दू जनजागृति समिति से श्री. राजन केसरी, सनातन संस्‍था के श्री. प्रमोद गुप्‍ता, श्री. रितेश गुप्‍ता तथा अन्‍य उपस्‍थित थे ।

संत तुलसीदास लिखित ‘श्रीरामचरितमानस’ हिन्‍दू समाज के लिए पवित्र ग्रंथ है । परंतु कुछ समाजविघातक अपने राजनीतिक स्‍वार्थ के कारण ‘श्रीरामचरितमानस’ जैसे महान ग्रंथ की आलोचना कर रहे हैं । जनवरी के महिने में बिहार के शिक्षामंत्री चंद्रशेखर ने ‘श्रीरामचरितमानस’ जैसे पवित्र ग्रंथ को ‘नफरत फैलानेवाला ग्रंथ’ कहते हुए इसका अनादर किया । उसके तुरंत उपरांत उत्तरप्रदेश के समाजवादी दल के नेता स्‍वामी प्रसाद मौर्य ने भी ‘श्रीरामचरितमानस’की चौपाई पर प्रतिबंध लगाने की मांग करने के साथ ही ‘इस ग्रंथ को जब्‍त कर उसे नष्‍ट किया जाए’, ऐसा अत्‍यंत क्षोभजनक वक्‍तव्‍य दिया । उस वक्‍तव्‍य का समाजवादी दल के अध्‍यक्ष अखिलेश यादव ने एक प्रकार से समर्थन ही किया है । सार्वजनिक स्‍थानों पर ‘श्रीरामचरितमानस’ की प्रतियां भी जलाई गई । इस माध्‍यम से समाज में तनाव उत्‍पन्‍न करने का प्रयास किया जा रहा है । अतः दोषियों पर कार्यवाही करना नितान्‍त आवश्‍यक है ।

इस समय निम्‍न मांगें की गईं :

  1. ‘बीबीसी न्‍यूज’ के झूठे, भारतविरोधी एवं हिन्‍दूविरोधी समाचारों पर कठोर कानूनी कार्यवाही की जाए ।
  1. केंद्रीय कानून के अंतर्गत प्रस्‍तुत लघुफिल्‍म के प्रसारण पर प्रतिबंध लगाए जाने पर भी कानून का उल्लंघन कर, उसका प्रसारण करनेवालों के विरुद्ध अपराध प्रविष्‍ट कर उन पर कठोर कार्यवाही की जाए ।
  1. प्रभु श्रीराम एवं ‘श्रीरामचरितमानस’ का अनादर करनेवाले नेताआें तथा ‘श्रीरामचरितमानस’ ग्रंथ जलानेवाले समाजद्रोहियों को हिन्‍दुआें की धार्मिक भावनाएं आहत करने के प्रकरण में तत्‍काल बंदी बनाया जाए ।
  1. हिन्‍दू धर्म, देवी-देवताआें, धर्मग्रंथों, संतों एवं राष्‍ट्रपुरुषों का अनादर करनेवालों पर कठोर कार्यवाही के लिए ‘ईशनिंदाविरोधी कानून’ तत्‍काल लागू किया जाए ।हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| 

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