Advertisment1

यह एक धर्मिक और राष्ट्रवादी पत्रिका है जो पाठको के आपसी सहयोग के द्वारा प्रकाशित किया जाता है अपना सहयोग हमारे इस खाते में जमा करने का कष्ट करें | आप का छोटा सहयोग भी हमारे लिए लाखों के बराबर होगा |

गर एक सा मौसम रहेगा,

गर एक सा मौसम रहेगा,

न कभी बरसात होगी,
ग्रीष्म ऋतु की दोपहरी
शरद की न रात होगी,
तब बता मुझको सखी,
बसंत की कब बात होगी?
पपीहे की आवाज क्या
कूक कोयल कहानियों की बात होगी
तितलियां कैसे चुराती पुष्प से रंग
न मधुकर से मुलाक़ात होगी।
न दिखेगा कलियों को चूमता
जब भंवरा कहीं
कलियों का चटखटे दिख जाना
हे सखी ख्वाब की तब बात होगी।

अ कीर्ति वर्द्धन
हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews https://www.facebook.com/divyarashmimag

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ