बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर और उत्तर प्रदेश के समाजवादी पार्टी के नेता स्‍वामी प्रसाद मौर्य के आपत्तिजनक वक्‍तव्‍य का प्रकरण

बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर और उत्तर प्रदेश के समाजवादी पार्टी के नेता स्‍वामी प्रसाद मौर्य के आपत्तिजनक वक्‍तव्‍य का प्रकरण

श्रीराम और श्रीरामचरितमानस का अपमान करनेवालों को तत्‍काल बंदी बनाएं !- माघ मेला प्रयागराज में हिन्‍दू संगठनों की आंदोलन द्वारा मांग

प्रयागराज - बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने संत तुलसीदास रचित ‘श्रीरामचरितमानस’ को ‘नफरत फैलानेवाला’ ग्रंथ कहा, जबकि उत्तर प्रदेश के समाजवादी पार्टी के नेता स्‍वामी प्रसाद मौर्य ने ‘श्रीरामचरितमानस’ की चौपाइयों पर प्रतिबंध लगाने की मांग करते हुए इस ग्रंथ को जप्‍त कर नष्‍ट करना चाहिए, ऐसा संतापजनक वक्‍तव्‍य किया है । हिन्‍दू जनजागृति समिति इसका तीव्र निषेध करती है । साथ ही इन दोनों पर धार्मिक भावनाओं को आहत करने के प्रकरण में तत्‍काल अपराध प्रविष्‍ट कर उन्‍हें बंदी बनाया जाए, ऐसी मांग के लिए यहां के माघ मेला क्षेत्र में संगम अपर मार्ग, सेक्‍टर 2 में आंदोलन किया गया । इस समय ‘जो नहीं हमारे राम का, नहीं किसी के काम का’, ‘प्रभु श्रीराम का अपमान, नहीं सहेगा हिन्‍दुस्‍तान’ आदि नारे लगाए गए । आंदोलन में विश्‍व हिन्‍दू परिषद़्, अंतरराष्ट्रीय हिन्‍दू परिषद, जांबाज हिन्‍दुस्‍थानी सेवा समिति, अक्षय युवा फाउंडेशन, सनातन संस्‍था, हिन्‍दू जनजागृति समिति आदि संगठनों के प्रतिनिधि सम्‍मिलित थे ।
हिन्‍दुओं की श्रद्धा को पैरों तले कुचलनेवालों के विरोध में हिन्‍दू समाज में रोष की लहर निर्माण हुई है । हिन्‍दुस्‍तान में हिन्‍दुओं के श्रद्धास्‍थानों पर आक्रमण नहीं सहे जाएंगे, ऐसा इशारा भी हिन्‍दू संगठनों ने इस समय दिया । यदि ‘श्रीरामचरितमानस’ यह ग्रंथ ‘नफरत फैलानेवाला’ है, तो हिन्‍दुओं को ‘काफिर’ कहकर उनकी हत्‍या करने के लिए कहनेवाला और महिलाओं को ‘शैतान’ माननेवाले ग्रंथों के विषय में इन्‍हें क्‍या कहना है, ऐसा प्रश्‍न प्रयागराज उच्च न्‍यायालय के अधिवक्‍ता अवधेश राय ने इस आंदोलन के समय उपस्‍थित किया । इसी प्रकार देवी-देवता, धर्मग्रंथ, संत, धार्मिक कृत्‍य, इनके विषय में आपत्तिजनक वक्‍तव्‍य हो अथवा चलचित्र, नाटक, चित्रकला, पुस्‍तक आदि द्वारा किया जा रहा अपमान हो, इस प्रकार का अपमान रोकने के लिए केंद्र सरकार राष्‍ट्रीय स्‍तर पर ईशनिंदा विरोधी कानून पारित करे, ऐसी मांग भी इस समय की गई ।
इसी प्रकार कर्नाटक के विवादित प्रोफेसर के. एस. भगवान ने ‘भगवान श्रीराम पत्नी सीता के साथ दिनभर दारू पीते थे । राम आदर्श राजा नहीं हैं’, ऐसे आपत्तिजनक वक्‍तव्‍य किए हैं । इससे पूर्व भी प्रोफेसर भगवान ने इसी प्रकार के वक्‍तव्‍य किए थे, जिनके कारण उन्‍हें कारावास दिया गया । ‘इस प्रकार के आपत्तिजनक वक्‍तव्‍य पुनः नहीं करेंगे’, इस शर्त पर उन्‍हें जमानत दी गई थी । इस शर्त को तोडने के कारण उनकी जमानत रद्द कर उन्‍हें तत्‍काल बंदी बनाया जाए, ऐसी मांग भी इस समय की गई ।
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