रामचरितमानस पर विवादित बयान देना बिहार के शिक्षा मंत्री को पड़ा भारी , पटना में दर्ज हुआ मुकदमा |

रामचरितमानस पर विवादित बयान देना बिहार के शिक्षा मंत्री को पड़ा भारी , पटना में दर्ज हुआ मुकदमा |

बिहार के शिक्षा मंत्री प्रो. चंद्रशेखर की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही है. बीते दिन चंद्रशेखर ने रामचरितमानस पर विवादित बयान दिया था, जिसे लेकर लगातार विरोध किया जा रहा था. वहीं, गुरुवार को भी शिक्षा मंत्री ने मीडिया के सामने आकर कहा कि वह अपने बयान पर कायम है. अब विवादित बयान को लेकर शिक्षा मंत्री पर पटना के अदालत में मुकदमा दर्ज कराई गई है. सामाजिक कार्यकर्ता डॉ राकेश दत्त मिश्र ने चंद्रशेखर के खिलाफ पटना की अदालत में मुकदमा दर्ज करवाई है. शिक्षामंत्री पर IPC की धारा 151A, 295, 298, 505 के तहत केस दर्ज किया गया है. परिवाद पत्र में कहागया है कि बिहार के शिक्षामंत्री चंद्रशेखर ने हिंदू ग्रंथों पर विवादित बयान दिया जिसके कारण उनपर मुकदमा दर्ज कराई गई है |

क्या है पूरा मामला?
दरअसल, शिक्षा मंत्री बुधवार को नालंदा खुला विश्वविद्यालय के 15वें दीक्षांत समारोह (15th Convocation Of Nalanda Open University) में पहुंचे थे. जहां छात्रों को संबोधित करते हुए उन्होंने रामचरितमानस को समाज को बांटने वाला ग्रंथ बता दिया. इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि रामचरित मानस, मनु स्मृति पर विवादित बोल कहते हुए कहा कि इसमें लिखा है अधम जाति में विद्या पाए, भयहु यथा अहि दूध पिलाए. अधम का मतलब होता है 'नीच'. यानि कि नीच जाति के लोगों को शिक्षा ग्रहण करने का अधिकार नहीं था. उसमें कहा गया है कि नीच जाति के लोग शिक्षा ग्रहण करने के बाद जहरीले हो जाते हैं. जैसे कि सांप दूध पीने के बाद हो जाता है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि एक युग में मनु स्मृति, दूसरे युग में रामचरितमानस और तीसरे युग में गुरू गोलवलकर के बंच ऑफ थॉट्स. ये तीनों चीजें हमारे देश में नफरत फैलाने का काम करती है.
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