माँ तो माँ होती है
डॉ अवधेश कुमार अवध
चुपके से
छुपते-छुपाते
क्या कभी अपनी माँ के पास
अब जाते हो?
कुछ भी मत छुपाना
तुम्हारी खूबसूरत बीवी
व प्यारे बच्चों की कसम
सच सच बताना
नहीं न
तो आज जाओ
उसके सिरहाने सिमटी तकिया को
आहिस्ता से पलटो
अपने दोनों हाथों से सम्हालकर उठाओ
ध्यान से देखो
फिर अपने माथे से लगाओ....
कुछ- कुछ या बहुत कुछ होने लगेगा
जितनी तुम्हारे दिल में संवेदना है
उतना ही ज्ञान चक्षु खुलेगा.....
अगर गीलेपन का अहसास हुआ
भींगे होने का आभास हुआ
तो समझ लो कि-
तुमको इस धरती पर लाकर
तुम्हारी माँ ने बहुत बड़ी भूल की है
जिसको वह सुधार तो नहीं सकती
बद्दुवा भी तो नहीं दे सकती
पर, अपनी भूल पर
पल-पल अकेले में रोती है
तकिया को भिंगोती है
क्योंकि माँ तो माँ होती है
माँ तो माँ होती है।
डॉ अवधेश कुमार अवधसाहित्यकार व अभियंता
हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews https://www.facebook.com/divyarashmimag
0 टिप्पणियाँ
दिव्य रश्मि की खबरों को प्राप्त करने के लिए हमारे खबरों को लाइक ओर पोर्टल को सब्सक्राइब करना ना भूले| दिव्य रश्मि समाचार यूट्यूब पर हमारे चैनल Divya Rashmi News को लाईक करें |
खबरों के लिए एवं जुड़ने के लिए सम्पर्क करें contact@divyarashmi.com