बड़े हीं धूमधाम से मनी डॉक्टर शंकरदयाल सिंह की जयंती पर कई कार्यक्रम हुए आयोजित

बड़े हीं धूमधाम से मनी डॉक्टर शंकरदयाल सिंह की जयंती पर  कई कार्यक्रम हुए आयोजित

औरंगाबाद से दिव्य रश्मि संवाददाता अरविन्द अकेला की खबर ।

जिला मुख्यालय के महाराजगंज रोड स्थित दुर्गा गेस्ट हाउस के प्रांगण में साहित्यकार और पूर्व सांसद शंकर दयाल सिंह का जयंती समारोह पूर्वक धूमधाम से मनाई गई।
समारोह का उद्घाटन मुख्य अतिथि विधायक श्री आनंद शंकर सिंह,अनुमंडल पदाधिकारी श्री विजयंत सिंह और समारोह के अध्यक्ष डा सुरेंद्र प्रसाद मिश्रा ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया।बाद में शंकर दयाल सिंह के तैल चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की गई तत्पश्चात शंकर दयाल सिंह की जीवन यात्रा पगडंडियों से राजमार्ग तक विषय पर संगोष्ठी आयोजित की गई। सभी अतिथियों को शॉल और माला देकर सम्मानित किया गया।
सचिव सिद्धेश्वर विद्यार्थी ने बताया कि कार्यक्रम में बारी बारी से मुख्य अतिथि एवं विशिष्ट अतिथियों विधायक श्री आनंद सिंह,अनुमंडल पदाधिकारी श्री विजयंत,पूर्व जिला परिषद अध्यक्ष राघवेन्द्र सिंह,प्रो संजीव रंजन, ज्योतिषविद शिवनारायण सिंह, प्रकाशक प्रेमेन्द्र मिश्रा, सुबोध सिंह,सूर्यपत सिंह,रामचंद्र सिंह एवं अनीता सिंह ने शंकर दयाल सिंह की जीवनी एवं इनके साहित्यिक उपलब्धियों के बारे में विस्तार से बताया और संगोष्ठी के माध्यम से उनकी जीवन यात्रा पगडंडियों से राजमार्ग तक कैसे निर्धारित हुई उसको विस्तार पूर्वक बताया। संगोष्ठी में जिले के नवोदित साहित्यकारों को पुरस्कृत किया।पुरस्कार पाने वालों में इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर कुमार वीरेंद्र,उच्च न्यायालय पटना के डिप्टी रजिस्ट्रार धीरेन्द्र मिश्रा,उच्च विद्यालय जम्होर के शिक्षक डा हेरम्ब मिश्र एवं साहित्यकार लव कुश प्रसाद सिंह थे।
पूर्व सांसद और साहित्यकार शंकर दयाल सिंह भारत के राजनेता तथा देश के लोक सभा एवं राज्य सभा दोनों के एक-एक बार सांसद रहे।एक बार वे चतरा से सांसद रहे जबकि दुसरी बार वह राज्य सभा के सांसद रहे।वह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस और जनता दल के बहुत करीब रहे।
अपने 58 साल की उम्र में उन्होने 30 से अधिक पुस्तकें लिखी जो आज भी सभी लोगों के दिलों पर राज कर रहा है। शंकर दयाल सिंह की पत्नी काननबाला तथा उनके दो पुत्र और एक पुत्री थी।उन्होंने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से शिक्षा ग्रहण की तथा एक कुशल राजनीतिक और लेखक,स्तंभकार के रूप में विख्यात हुए। सचिव सिद्धेश्वर विद्यार्थी ने प्रस्ताव रखा कि उनके स्मरण हेतु उनकी प्रतिमा लगाया जाना चाहिए जिसे सर्वसम्मति से पारित किया गया।
दुर्गा गेस्ट हाउस स्थित कार्यक्रम में तब समा बन गया जब जिले और प्रदेशों से आए हुए कवियों ने अपनी कविता के द्वारा लोगों का मनोरंजन किया। एक से बढ़कर एक कवियों ने अपनी प्रस्तुति से दर्शक दीर्घा को रोमांचित रखा। कवित्री प्रियंका तिवारी ने सरस्वती वंदना कर समा बांधा। डेहरी के प्रखंड विकास पदाधिकारी पुरुषोत्तम त्रिवेदी ने भी अपनी पत्नी के नक्शे कदम पर चलते हुए बहुत ही मनोरंजक कविता के द्वारा लोगों में उत्साह भरा। सुप्रसिद्ध कवि शंकर कैमुरी,डॉक्टर हेरंब कुमार मिश्र,प्रभात कुमार एवं चंदन पाठक ने पूर्व सांसद शंकर दयाल सिंह की जयंती समारोह में कवि सम्मेलन की गरिमा बढ़ाई। कार्यक्रम की अध्यक्षता सुरेंद्र प्रसाद मिश्र ने की जबकि मंच संचालन महोत्सव पुरुष सिद्धेश्वर विद्यार्थी ने किया।
कार्यक्रम में ज्योतिर्विद शिव नारायण सिंह,प्रोफेसर कुमार वीरेंद्र,अशोक सिंह पंचदेव धाम चपरा अध्यक्ष,संजीव रंजन, सुबोध सिंह,राघवेंद्र सिंह,कविता विद्यार्थी, दुर्गा गेस्ट हाउस के संस्थापक मातादीन पटनिया,भाजपा महिला मोर्चा अध्यक्षा अनीता सिंह,सुमन अग्रवाल, गुड़िया सिंह,रामचंद्र सिंह,लालदेव प्रसाद , अरूण सिंह,अरुण सिंह भरमौरी,रामजी सिंह, राजेंद्र सिंह,बैद्यनाथ सिंह,अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष संजय सिंह,प्रो रामाधार सिंह,मुरलीधर पांडे,पुरषोत्तम पाठक, धीरेन्द्र सिंह,चंदन पाठक एवं उज्जवल रंजन, सहित सैकड़ों की संख्या में विद्वत जनों की उपस्थित रही। अंत में धन्यवाद ज्ञापन कार्यक्रम कार्यक्रम के संयोजक उज्जवल रंजन ने किया ।
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