सुमित्रानंदन पंत की पुण्य तिथि आयोजित हिंदी साहित्य का छायवादी विचारधारा पंत का प्रकृतिवादी काव्य चिदंबरा

सुमित्रानंदन पंत की पुण्य तिथि आयोजित हिंदी साहित्य का छायवादी विचारधारा पंत का प्रकृतिवादी काव्य चिदंबरा

औरंगाबाद से दिव्य रश्मि संवाददाता अरविन्द अकेला की खबर ।
सदर प्रखंड स्थित ग्राम जम्होर में सामयिक साहित्य संवाद के तत्वाधान में आधुनिक हिंदी साहित्य के छायावादी विचारधारा के प्रवर्तक,प्रकृति के सुकुमार कवि सुमित्रानंदन पंत की 45 वीं पुण्यतिथि के मौके पर एक साहित्यिक गोष्ठी का आयोजन किया गया।
हिंदी साहित्य का छायावादी विचारधारा,पंत का प्रकृतिवादी काव्य चिदंबरा विषयक गोष्ठी का नेतृत्व सुरेश विद्यार्थी ने किया।संबोधन के क्रम में कहा कि पंत जी प्रकृति के सुकुमार कवि के रूप में जाने जाते हैं उन्होंने आधुनिक हिंदी काव्य में छायावादी विचारधारा में अपनी रचनाओं के माध्यम से पाठक के मन में विचार संप्रेषण उत्पन्न कर देते हैं। चिदंबरा उनकी प्रकृतिवादी काव्य के साथ-साथ प्रगतिशील काव्य के रूप में भी जानी जाती है। उनकी अन्य रचनाएं ग्रंथि गुंजन, ग्राम्या स्वर्ण, किरण स्वर्ण धूली कला और बूढ़ा चांद लोकायतन सत्य काम आधुनिक हिंदी साहित्य के प्रमुख रचनाओं में से एक हैं एवं आधुनिक काव्य की पृष्ठभूमि के रूप में बहुचर्चित है। आज की साहित्य गोष्ठी में मधुसूदन त्रिवेदी,राम पुकार ओझा,शिक्षक नवीन कुमार,सोम प्रकाश व सौरभ राज सहित अन्य उपस्थित थे।हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews https://www.facebook.com/divyarashmimag

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