मासूम बच्चियों के साथ दरिंदगी कब तक?

मासूम बच्चियों के साथ दरिंदगी कब तक?

(मनोज कुमार अग्रवाल-हिन्दुस्तान समाचार फीचर सेवा)

हकीकत यह है कि ये घटनाएं तो सिर्फ बानगी मात्र हैं दरिंदे मासूम बच्चियों के साथ आए दिन दरिंदगी की वारदातों को अंजाम दे रहे हैं। जरूरत इस बात की है कि समाज भी अपनी आंखों को खोल कर रखे और किसी भी गलत व्यक्ति के अप्रिय आचरण के खिलाफ जोरदार ढंग से आवाज उठाए। सिर्फ कानून पुलिस और सरकार के बूते पर इस तरह की वारदातों पर नियंत्रण पाना संभव नहीं है।

देश भर में मासूम बच्चियां इंसान के भेष में छिपे दरिंदों के निशाने पर हैं। रोजाना करीब एक सौ बच्चियां देश में कहीं न कहीं शैतानों की यौन दरिंदगी का शिकार बन जाती हैं सरकार पोस्को जैसा सख्त कानून लागू करने के बाद भी दरिंदगी की वारदातों को नियंत्रित करने में नाकाम रही है।

नशेड़ी से लेकर धर्म गुरु इमाम ट्यूशन टयूटर पडोसी खून के रिश्तेदारों तक ने मौका मिलते ही शिकारी गिद्ध की मानिंद मासूम बच्चियों की जिंदगी को रौंदा है। हर एक वारदात बहशीपन, हैवानियत और क्रूरता की ऐसी घिनौनी कहानी बयान करती है जिसे जानकर मानवता सिसकती है और कलेजा कांप उठता है।

एनसीआरबी की ताजा रिपोर्ट के अनुसार 2021 में राजस्थान में 6337 रेप केस दर्ज हुए जो सबसे अधिक है , जबकि दूसरे नंबर पर मध्यप्रदेश है , 2947 केस सामने आए। सबसे अधिक आबादी वाले यू पी में 2845 केस , महाराष्ट्र में 2496 केस , दिल्ली में 1250 बंगाल में 1123, हरियाणा में 1716 और असम में 1733 मामले दुराचार के दर्ज किए गए थे।

उत्तर प्रदेश की बात करें तो आंकड़ों के अनुसार अकेले यूपी के 48 जिलों में 4 बच्चों के साथ रोज यौन शोषण हो रहा है। चैंकाने वाली बात यह है कि 3 महीने की बच्ची से लेकर 16 साल के बच्चे तक से दरिंदगी हुई है। आंकड़ों के अनुसार 7 सालों में 11,902 बच्चों के साथ यौन शोषण हुआ। इसमें राजधानी लखनऊ में सबसे ज्यादा 800 बच्चे यौन शोषण के शिकार हुए। दूसरे नंबर पर पीलीभीत में 750 और तीसरे नंबर पर सिद्धार्थनगर में 607, चैथे पर बिजनौर में 589 और पांचवें नंबर में महाराजगंज में 489 मामले दर्ज हुए हैं। ये वो मामले हैं, जो दर्ज हुए हैं। कई मामले तो बीच में ही दबा दिए जाते हैं बहुत से लोग बदनामी के डर से शिकायत नहीं करते। ये हालात तब हैं, जबकि पॉक्सो एक्ट में पुलिस लगातार कार्रवाई कर रहा है।

देश भर में मासूम बच्चियों के साथ दरिंदगी के मामले सामने आ रहे हैं। 2021 के दौरान कुल 33021 बच्चियों के साथ दरिंदगी के मामले सामने आए। कोई प्रदेश इस तरह के मामलों से अछूता नहीं है। हाल ही में झारखंड में एक और बेहद शर्मनाक घटना सामने आई है। सिमडेगा जिले में मदरसे के एक इमाम ने आठ साल की बच्ची को अपनी हवस का शिकार बना डाला। मामला सामने आने पर पुलिस ने इमाम को मासूम बच्ची से बलात्कार के आरोप में गिरफ्तार किया है। हाल ही में 16 अक्तूबर को गाजियाबाद के लिंक रोड थाना क्षेत्र में रेलवे लाइन के करीब झाड़ियों में ढाई साल की मासूम लहूलुहान हालत में मिली थी. एसपी सिटी के अनुसार राहगीरों ने एक ढाई साल की बच्ची को झाड़ियों में पड़ा देखा और स्थानीय पुलिस को सूचना दी थी। बच्ची के शरीर पर कपड़े नहीं थे और वह लहूलुहान हालत में थी। बच्ची को तुरंत जिला महिला अस्पताल में एडमिट कराया गया।बच्ची के प्राइवेट पार्ट से ब्लीडिंग हो रही थी. मेडिकल में रेप की पुष्टि हुई है।एसपी सिटी के अनुसार, पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ पॉस्को एक्ट की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है. वहीं बच्ची की पहचान के लिए पुलिस की 4 टीमें लगाई गई हैं. काफी प्रयासों के बाद पुलिस ने बच्ची की मां को खोज लिया है. बच्ची की मां विक्षिप्त है और जगह-जगह घूमकर और भीख मांगकर जीवन यापन करती है।

अभी बीती 21 नवंबर को अंबेडकर नगर में एक दरिंदे ने स्कूल जा रही कक्षा दो की छात्रा छह साल की बच्ची को रास्ते में अगुआ कर दरिंदगी की। आरोपी बबलू को रेप व पोस्को के तहत गिरफ्तार किया गया। हापुड़ के गढ़मुकतेशवर के एक गांव में घर के बाहर खेल रही चार साल की मासूम को एक दरिंदा अगुआ कर खेत में ले गया और हैवानियत की। बाद में बच्ची बेहोशी की हालत में मिली। वहीं एटा में 16 अगस्त को एक इंसानियत को शर्मसार करने वाली घटना सामने आई। एटा पुलिस के मुताबिक, 17 साल के एक लड़के ने तीन माह की दुधमुंही बच्ची से रेप किया। आरोपी नन्ही जान को लहूलुहान कर दर्द से तड़पता छोड़कर फरार हो गया। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर मामला दर्ज कर लिया है।

22 सितंबर 2022 को प्रयागराज में बाल संरक्षण गृह में कुकर्म का मामला सामने आया। बच्चे की मां ने बाल गृह के अधिकारी पर आरोप लगाया। 24 अगस्त को एक किशोर की मां उससे मिलने गई। आरोप लगाया कि वह बेटे से मिलने गई तो उसके पैंट में पीछे खून लगा था। बाल गृह के अधिकारी पर पिटाई का भी आरोप लगाया।

हाल ही में वाराणसी में रविवार 18 दिसंबर को साढ़े तीन साल की मासूम से 22 साल के ऑटो चालक ने रेप का प्रयास किया। वारदात की सूचना पाकर घटनास्थल पर वाराणसी पुलिस कमिश्नरेट के अफसर फोर्स के साथ पहुंचे। मासूम बच्ची को मेडिकल के लिए भेजकर पुलिस ने कुछ घंटे के भीतर ही आरोपी युवक को गिरफ्तार कर लिया।लालपुर पांडेयपुर थाना के दौलतपुर क्षेत्र में एक वाहन चालक का परिवार रहता है। वाहन चालक की साढ़े तीन साल की बेटी आज खेलते हुए अपने घर के पीछे एक खाली प्लॉट में चली गई। वाहन चालक के पड़ोस में ही नीरज विश्वकर्मा रहता है। नीरज पेशे से ऑटो चालक है और नशे का आदी भी है। इलाके के लोगों के अनुसार, बच्ची खेल रही थी तभी नीरज उसे टॉफी देने के बहाने अपने पास बुलाया।पड़ोसी होने के कारण मासूम बच्ची नीरज के पास चली गई तो उसने उसके साथ गलत हरकत की।

2 महीने पहले गाजियाबाद में 6 साल की मासूम बच्ची से डिजिटल रेप का मामला सामने आया। आरोप है कि मां की गैर मौजूदगी में पड़ोसी शख्स उसके घर में घुस आया और बच्ची से गंदा काम किया। मां घर लौटी, तो बच्ची लिपट कर रो पड़ी। काफी पूछने के बाद बड़ी बेटी ने बताया कि पड़ोसी वाले अंकल आए थे और छोटी बहन से गंदी हरकत करके गए हैं। छोटी बेटी ने इशारे से मां को सारी बात बताई। महिला की शिकायत पर आरोपी के खिलाफ रेप का मुकदमा दर्ज किया गया।

महाराष्ट्र के पुणे में 35 साल के एक बेरहम शख्स ने 5 साल की मासूम के साथ हैवानियत दिखाई है। मासूम के साथ यौन शोषण करने के आरोप में पुलिस ने शख्स को गिरफ्तार किया। 40 साल की एक महिला घटनास्थल पर अपनी तीन नाबालिग बेटियों के साथ सो रही थी। तभी आरोपी ने उसकी 5 साल की एक बेटी को उठा लिया और इमारत के पीछे ले गया, जहां उसने मासूम के साथ यौन शोषण किया। घटना के समय नाबालिग जोर-जोर से रोने लगी। उसके रोने ने दो राहगीरों ने सुना। इसके बाद दोनों बच्ची को बचा लिए और उस आरोपी को पकड़ लिया। बेटी के गायब होने के बाद उसकी मां भी उसे खोजने लगी, जो मौके पर पहुंच गई थी। दोनों राहगीरों ने उस आरोपी को पकड़ लिया और पहले आरोपी को जमकर पीटा। इसके बाद उन्होंने आरोपी को पुलिस के हाथों सौंप दिया।

पूर्वी दिल्ली के लक्ष्मी नगर से पिछले 3 जुलाई को पीसीआर पर एक मासूम से यौन शोषण की शिकायत की गयी। पुलिस ने बताया कि मासूम सिर्फ 7 साल की थी घटना के वक्त वह अपने घर के बाहर खेल रही थी. इसी समय एक अंजान व्यक्ति आया और उसे सुनसान जगह पर ले गया. मासूम को सुनसान जगह पर ले जाकर उसने मासूम बच्ची से यौन शोषण किया। इस संबंध में पुलिस ने आईपीसी की गंभीर धाराओं और पोक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया है। हकीकत यह है कि ये घटनाएं तो सिर्फ बानगी मात्र हैं। दरिंदे मासूम बच्चियों के साथ आए दिन दरिंदगी की वारदातों को अंजाम दे रहे हैं जरूरत इस बात की है कि समाज भी अपनी आंखों को खोल कर रखे और किसी भी गलत व्यक्ति के अप्रिय आचरण के खिलाफ जोरदार ढंग से आवाज उठाए। सिर्फ कानून पुलिस और सरकार के बूते पर इस तरह की वारदातों पर नियंत्रण पाना संभव नहीं है।
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