मतदान से पहले कांग्रेस में भगदड़

मतदान से पहले कांग्रेस में भगदड़

(अशोक त्रिपाठी-हिन्दुस्तान फीचर सेवा)
हिमाचल प्रदेश में 12 नवम्बर को विधानसभा चुनाव के लिए मतदान होना है। पार्टी ने अपने चुनाव घोषणा पत्र में कई लुभावने वादे किये हैं। राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने मंडी में जबर्दस्त रैली की थी। पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की पत्नी प्रतिमा सिंह प्रदेश कांग्रेस की बागडोर संभाल रही हैं। उन्हांेने अभी से इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) पर दोषारोपण शुरू कर दिया लेकिन पार्टी के अंदर भगदड़ से पता चल रहा है कि कांग्रसियों को खुद पर विश्वास नहीं रह गया है। हालांकि यह भी कहा जा रहा है कि जब दो महत्वपूर्ण राज्यों- गुजरात और हिमाचल में विधानसभा के चुनाव होना तय था, तभी राहुल गांधी को भारत जोड़ो यात्रा की जरूरत क्यों पड़ी? इस समय उन्हंे हिमाचल और गुजरात के दौरे पर रहना चाहिए था। कांग्रेस हाईकमान की उदासीनता के चलते ही लोग पार्टी छोड़कर जा रहे हैं। हिमाचल प्रदेश में गत 7 नवम्बर को ही प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व महासचिव धर्मपाल ठाकुर समेत दो दर्जन से अधिक नेता भाजपा में शामिल हुए हैं। नाराजगी भाजपा में खेमे में भी है। भाजपा के पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल को इस बार टिकट नहीं दिया गया है। इसके चलते भाजपा में भी बगावत की आहट सुनी जा रही थी। हालांकि धूमल ने कहा कि उन्हांेने स्वयं ही चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया था। यह भी कहा जा रहा है कि अग्निवीर योजना को लेकर राज्य के युवा नाराज हैं और कुछ नेता टिकट न मिलने से खफा हैं। आम आदमी पार्टी चुनाव को त्रिकोणात्मक बनाने का प्रयास कर रही है लेकिन मुकाबला कांग्रेस और भाजपा में ही है।

हिमाचल प्रदेश में मतदान से चार दिन पहले प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व महासचिव धर्मपाल ठाकुर खांड समेत कांग्रेस के 26 नेता और सदस्य बीजेपी में शामिल हो गए। ऐसे में जब चुनाव सिर पर है, इसे कांग्रेस के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। कांग्रेस के ये सभी नेता मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और बीजेपी के राज्य चुनाव प्रभारी सुधन सिंह की मौजूदगी में पार्टी में शामिल हुए। इससे पहले, बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने हिमाचल विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी की जीत पर भरोसा जताया और कहा कि राज्य की जनता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भरोसा करती है। उन्होंने चुनावी राज्य में उनके शासन के लिए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की सराहना की और कहा कि उन्होंने नीतियों को जमीन पर लागू किया। हिमाचल प्रदेश के सोलन में मीडियाकर्मियों से बात करते हुए, उन्होंने कहा, हम सोलन में जनसंपर्क कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं जिसको लेकर लोग उत्साहित हैं और उन्हें पीएम मोदी पर भरोसा है।

हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर सभी पार्टियों का चुनाव प्रचार जोर-शोर से चल रहा है। चुनाव में प्रचार के लिए कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के गृह जिले मंडी पहुंचीं। प्रियंका ने इंदिरा गांधी और सरदार वल्लभ भाई पटेल को मंच पर श्रद्धासुमन अर्पित किये। इसके बाद उन्होंने गुजरात के मोरबी में हुए हादसे पर दुख जताया और मृतकों की आत्मा की शांति के लिए मौन रख श्रद्धाजंलि दी। प्रियंका गांधी ने चुनावी सभा को संबोधित करते हुए अपनी दादी इंदिरा गांधी को याद किया। उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी जी का इस प्रदेश के साथ एक आध्यात्मिक रिश्ता था। यह प्रेम, कर्तव्य और समर्पण का रिश्ता था। ऐसा रिश्ता आज की राजनीति में कम ही दिखता है। उन्होंने कहा कि इंदिरा जी में आखिर ऐसी क्या खासियत थी कि आज 40 साल बाद भी पूरे देश में उनके लिए आदर और सम्मान की भावना है। प्रियंका ने आगे कहा कि इंदिरा गांधी हिमाचल प्रदेश बनाते समय लोगों ने कहा था कि प्रदेश बना तो रहे हैं, लेकिन यह प्रदेश चल नहीं पाएगा, इसे चलाने के लिए पैसा नहीं है। लेकिन इंदिरा जी जानती थीं कि हिमाचल प्रदेश को यहां की जनता बनाएगी। यह सांस्कृतिक और परंपराओं का प्रदेश है, यह उसी की भूमि है। यहां के लोगों में देश के प्रति समर्पण की परंपरा है। प्रदेश के युवा सेना में भर्ती होकर देश की रखवाली करते हैं। यहां के कर्मचारी दिन-रात मेहनत कर देश की सेवा करते हैं। प्रियंका गांधी ने कहा कि सीएम ने मंडी के लिए क्या किया है। 63,000 सरकारी पद खाली पड़े हैं लेकिन आपको रोजगार नहीं मिल रहा है, क्योंकि उनका (भाजपा) आपको रोजगार देने का इरादा नहीं है। आज हर तरफ लोग बेरोजगारी और महंगाई से परेशान हैं, लेकिन सरकार को इसकी कोई चिंता नहीं है।

उधर, हिमाचल कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष प्रतिभा सिंह का हेलिकॉप्टर कुल्लू के हरिपुर धार पहुंचा रैली के लिए जाना था देहरा के हरिपुर। फिर वापिस कुल्लू से प्रतिभा सिंह को देहरा के हरिपुर में चुनावी जनसभा को संबोधित करना पड़ा। प्रतीभा सिंह इससे पहले कांगड़ा जिला के इंदौरा विधानसभा क्षेत्र में चुनावी कार्यक्रम में गई थी। देहरा विधानसभा क्षेत्र के हरिपुर में कांग्रेस प्रत्याशी डॉ राजेश शर्मा के चुनाव प्रचार में पहुंची, प्रतिभा सिंह यहां रूठों को मनाती भी दिखीं। देहरा से ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष हरिओम शर्मा को मनाया तो वहीं ज्वाली से रूठे डॉ. गुलशन को भी कांग्रेस पार्टी के लिए काम करने को कहा। दरअसल, देहरा में कांग्रेस प्रत्याशी डॉ राजेश शर्मा को बाहरी होने की बजह से अंदरूनी कलह से गुजरना पड़ रहा है। हालंकि, डॉ. राजेश शर्मा यह दावा भी कर रहे हैं कि उन्होंने देहरा में ही मां बगलामुखी मंदिर के पास बनखंडी में अपना घर बनाया है और उनका वोट भी देहरा में है।

हिमाचल प्रदेश में सबसे ज्यादा चर्चा पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता प्रेम कुमार धूमल के टिकट कटने को लेकर है। इसको लेकर बीजेपी में बगावत बढ़ गई है। प्रेम कुमार धूमल कहते हैं इस बार चुनाव नहीं लड़ने का फैसला मेरा था। मैं चाहता हूं कि किसी दूसरे आदमी को मौका मिले। मेरी सीट पर आर्मी के रिटायर कैप्टन को मौका मिला जो पार्टी के वफादार कार्यकर्ता भी हैं। धूमल ने कहा कि जो बीत गई सो बीत गई। अब हमें आगे पार्टी को मजबूत करने पर ध्यान देना चाहिए। धूमल ने कहा कि पार्टी में एक सीट से टिकट की दावेदारी करने वाले कई सारे लोग होते हैं, लेकिन टिकट एक ही आदमी को मिलता है। पार्टी से लोग जब बगावत करते हैं और निर्दलीय चुनाव लड़ते हैं तो पार्टी को नुकसान तो होता ही है। धूमल के संकेत को समझा जा सकता है। हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और बीजेपी के बीच सीधा मुकाबला है। सूबे की 68 विधानसभा सीटों के लिए 324 उम्मीदवार मैदान में हैं। कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही पार्टियां अपनों से ही घिर गई है। इस बार के चुनावी मैदान में जिन्हें टिकट नहीं मिला है, उन्होंने निर्दलीय ताल ठोक दी है इस तरह से हिमाचल की हर तीसरी सीट पर बागी कैंडिडेट सिरदर्द बन गए हैं। बीजेपी के 21 नेताओं ने टिकट न मिलने से बगावती तेवर अपना लिया है और निर्दलीय चुनावी मैदान में है। ऐसे ही कांग्रेस के छह नेता निर्दलीय उतरे हैं। कांग्रेस के 11 नेताओं ने बागी रुख अख्तियार कर रखा था, जिनमें से पांच को मनाने में पार्टी सफल रही। बीजेपी को बगावत का सामना सबसे ज्यादा करना पड़ रहा है। बीजेपी से टिकट नहीं मिलने से चलते बागी हुए चार पूर्व विधायकों समेत बीजेपी ने 5 नेताओं को पार्टी से छह साल के लिए सस्पेंड कर दिया है। कांग्रेस ने भी अपने पांच बागी नेताओं को बाहर का रास्ता दिखा दिया है।
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