Advertisment1

यह एक धर्मिक और राष्ट्रवादी पत्रिका है जो पाठको के आपसी सहयोग के द्वारा प्रकाशित किया जाता है अपना सहयोग हमारे इस खाते में जमा करने का कष्ट करें | आप का छोटा सहयोग भी हमारे लिए लाखों के बराबर होगा |

मौसम से याद आई

मौसम से याद आई

बदलते मौसम का अंदाज
बहुत ही रंग लाता है।
फिर पूरे वायु मंडल में
घटायओं को बिखेरता।
तभी तो पेड़ पौधे फूल
सभी लहरा उठते है।
और मंद मंद हवाओं से
खुशबू को बिखेर देते है।।


नजारा देख ये जन्नत का
किसी की याद दिला रहा।
नदी तालाब बाग बगीचा भी
अपनी भूमिका निभा रहे।
मानो स्वर्ग में हम अपने
मेहबूब को घूमा रहे।
और मोहब्बत के बारे में
बैठे बैठे सोच रहे।।


वर्तमान में भूत की बातें
अकेला बैठकर सोच रहा हूँ।
सपनो के सागर में और
कल्पनाओं में बहा रहा हूँ।
और मेहबूब की मोहब्बत को
दिल से याद कर रहा हूँ।।


जय जिनेंद्र संजय जैन "बीना" मुंबई
हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews https://www.facebook.com/divyarashmimag

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ