दिल से दिल मिलाए जा

दिल से दिल मिलाए जा

हाथ में हाथ पकड़ाए जा
दिल से दिल मिलाए जा
हम भईया बहना एक हैं
गीत मिलन के गाए जा ।
बढ़ाए जा प्रेम प्यास के
मधुर मिलन की आस ले
भाईचारा का भाव लेकर ,
ईर्ष्या द्वेष बैर खाए जा ।
समता भाव तू एक ले
एकता भाव तू नेक ले
मनोभाव पवित्र जगाकर
अखंडता में बँधाए जा ।
नवजीवन की आश ले
नये कदम विश्वास के
जीवन में तू हर्ष ले
सबको तू हर्षाए जा ।।
पूर्णतः मौलिक एवं
अप्रकाशित रचना
अरुण दिव्यांश
डुमरी अड्डा
छपरा ( सारण )बिहार ।
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