टूटा रिश्ता

टूटा रिश्ता 

रिलेशनशिप में कुछ बॉन्डिंग ऐसी होती है,
कोई सोचना भी नहीं चाहता कि टूट सकती है,
15 साल आखिर साथ निभाने के बाद
कोई भला कैसे किसी को छोड़ सकती है!-1


जितना अपने हमसफ़र पर उसने प्यार लुटाया है ,
उतना ही उसने उसे खून के आंसू रुलाया है,
फिर भी देखो उस बदनसीब ने कहा
जमाने को इसके बारे में कुछ भी बताया है !-2


कुछ इस तरह वह तन्हा छोड़ गई है ,
जैसे जिस्म से रूह रुखसत हो गई है,
जाते जाते भी वह कमबख्त अपने साथ
दोनों बच्चों को भी दूर ले गई है।-3


जिंदगी जैसे बोझ लगने लग गई है ,
जीने की तो उम्मीद ही मर गई है,
जिया था हर दम ही चेहरे पर लिए मुस्कान
शायद मुस्कुराहट की कीमत उसे दे गई है।-4


अपने हुनर को ही अपनी हिम्मत बनाई है,
फिर से जीने की नई उम्मीद भी जगाई है,
देखो जो बात हमेशा से खलती थी ना तुम्हें
उसी को ही सफलता की उसने सीढ़ी बनाई है।-5


खोटा सिक्का कह कर तुम ने उसे ठुकराया है,
बेजान सा पत्थर है वो तुमने उसे बताया है,
पत्थर से कोहिनूर हीरे में तब्दील होने का
उसने दिल में सुनहरा ख्वाब सजाया है।-6


अब वो नहीं बोलेगा उसका हुनर बोलेगा,
तेरे लिए हर जख्म को वो ही अब तोलेगा,
हंस-हंसकर जितने भी तू ने ढाए थे ना सितम
तेरी करतूतों की सारी अब वो पोल खोलेगा !-7


यही तो विधि का विधान चलता आया है ,
जिसने जैसा बीज़ बोया वैसा ही फल पाया है,
किसी को आंसुओं के सैलाब में डुबोकर
दुनिया में कोई भला कहां खुश रह पाया है!✍सुमित मानधना 'गौरव', सूरत
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