झांसी की महारानी लक्ष्मीबाई का १८७ वां जन्मदिवस बड़े ही धूमधाम से मनाया गया।

झांसी की महारानी लक्ष्मीबाई का १८७ वां जन्मदिवस बड़े ही धूमधाम से मनाया गया।

कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी संवत २०७९ तदनुसार 23 अक्टूबर 2022 (रविवार) को अंतर्राष्ट्रीय संगठन भारतीय जन महासभा के देश-विदेश के अनेक लोगों के द्वारा विभिन्न स्थानों पर भारत के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम 1857 की महानायिका झांसी की महारानी लक्ष्मीबाई का १८७ वां जन्मदिवस बड़े ही धूमधाम से मनाया गया।
अनेक लोगों ने अपने-अपने स्थानों पर महारानी के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें नमन किया।
इस शुभ दिवस पर संस्था के अध्यक्ष धर्म चंद्र पोद्दार ने कहा कि झांसी की महारानी लक्ष्मीबाई वाराणसी की बेटी थी और काशी के 'अस्सी' मुहल्ले में उनके जन्म स्थल पर अनेक वर्षों से कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी को हीं उनका जन्मदिन मनाया जाता है।
कहा कि भारतीय जन महासभा ने निर्णय लिया है कि अब वे हिंदी तिथि के अनुसार हीं कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी को महारानी लक्ष्मीबाई का जन्म दिवस मनाएंगे।
कहा कि झांसी की महारानी लक्ष्मीबाई की भारत के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम 1857 में अहम भूमिका रही है। उन्होंने अंग्रेजों के सामने कभी हार नहीं मानी और युद्ध करते हुए वीरगति को प्राप्त हुई।जयंती मनाने वालों में श्री पोद्दार के अलावे मेघालय से डॉ अवधेश कुमार अवध, युगांडा से ए. के. जिंदल, सिंगापुर से डॉ प्रतिभा गर्ग एवं बिदेह नंदनी चौधरी, नई दिल्ली से दीप शेखर सिंहल, देहरादून से डॉ अरुण गोयल, जमशेदपुर से अर्चना बरनवाल, भुवनेश्वरी मिश्रा, किरण कुमारी, पिंकी देवी, पूनम मेहता, प्रकाश मेहता, प्रमोद खीरवाल, नभ्य पोद्दार (लिटिल), सतीश गुप्ता, बक्सर बिहार से अजय कुमार सिंह, गोड्डा झारखंड से वासुदेव पंडित, कोलकाता से शालिनी सोंथालिया, सूखेन मुखोपाध्याय, मेघाश्री मुखोपाध्याय व सुनील कुमार खेतान, नागपुर से अनुसूया अग्रवाल एवं मेरठ से लक्ष्मी गुसाईं के नाम सम्मिलित है।
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