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शुभ योग में करे माँ लक्ष्मी की आराधना , आज शाम लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त,आरती और मंत्र

शुभ योग में करे माँ लक्ष्मी की आराधना , आज शाम लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त,आरती और मंत्र

प्रकाश का पर्व दिवाली हर बार कार्तिक अमावस्या तिथि पर मनाया जाता है। यह त्योहार हिंदूओं का प्रमुख त्योहार है। असत्य पर सत्य के जीत का यह त्योहार भगवान राम के लंका पर विजय प्राप्ति के बाद अयोध्या आगमन के रूप में हर साल बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जाता है। दिवाली पर शुभ मुहूर्त में मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की विशेष रूप से पूजा की जाती है। दिवाली पर घरों को रंगों,फूलों और रंगीन रोशनी से सजाया जाता है। प्रकाश के पर्व की शाम को लोग दीए और मोमबत्तियों जलाकर मां लक्ष्मी के स्वागत की तैयारियां करते हैं। आइए जानते हैं इस बार दिवाली पर क्या है खास|

दिवाली हर साल कार्तिक मास की अमावस्या को मनाई जाती है। इस साल अमावस्या तिथि 24 अक्टूबर को शाम 05 बजकर 27 मिनट से प्रारंभ होगी, जो कि 25 अक्टूबर को शाम 04 बजकर 18 मिनट पर समाप्त होगी। दीपावली 2022 लक्ष्मी पूजन मुहूर्त शाम 06 बजकर 53 मिनट से रात 08 बजकर 16 मिनट तक रहेगा। लक्ष्मी पूजन की अवधि 1 घंटा 23 मिनट की है।

दिवाली 2022 शुभ योग

इस बार दिवाली पर कई तरह के शुभ संयोग बन रहे हैं। 24 अक्तूबर को दिवाली हस्त नक्षत्र और वैधृति योग में मनाई जा रही है। यह योग बहुत ही शुभ फल देने वाला और सुखमय जीवन के लिए अच्छा होता है। इसके अलावा बुध जो भगवान गणेश को समर्पित होता है तुला राशि में रहेंगे। जहां पर पहले से सूर्य और शुक्र मौजूद हैं। वहीं गुरु और शनि भी स्वयं की राशि में मौजूद रहेंगे। ऐसे में यह दिवाली बहुत ही सौभाग्य और आर्थिक संपन्नता बढ़ाने वाली रहेगी।

दिवाली के दिन शाम को शुभ मुहूर्त में लक्ष्मी-गणेश पूजन किया जाता है। आप भी जान लें 24 अक्टूबर को किस मुहूर्त में होगा दिवाली पूजन-

दिवाली 2022 तिथि और लक्ष्मी पूजन मुहूर्त

कार्तिक अमावस्या तिथि आरंभ: 24 अक्टूबर, 2022 को शाम 05 बजकर 29 मिनट से।
कार्तिक अमावस्या तिथि समाप्त: 25 अक्टूबर 2022 को शाम 04 बजकर 20 मिनट पर।

अमावस्या निशिता काल: 11 बजकर 39 से 00:31 तक।

कार्तिक अमावस्या सिंह लग्न का समय: रात 01:26 से 03:44 बजे।

अभिजीत मुहूर्त का समय: सुबह 11:19 बजे से दोपहर 12:05 बजे तक है।

विजय मुहूर्त आरंभ: 24 अक्टूबर को 01:36 से 02:21 तक।


दिवाली 2022: लक्ष्मी पूजा का समय और मुहूर्त

लक्ष्मी पूजन का मुहूर्त: 18:54 से 20:16 मिनट तक

पूजा अवधि: 1 घंटा 21 मिनट

प्रदोष काल: 17:43 से 20:16 मिनट तक
वृषभ काल: 18:54 से 20:50 मिनट तक

दिवाली 2022 महानिशिता काल मुहूर्त

लक्ष्मी पूजन का मुहूर्त: 23:40 से 24:31 मिनट तक

पूजा अवधि: 0 घंटे 50 मिनट

महानिशीथ काल: 23:40 से 24:31 मिनट तक
सिंह काल: 25:26:25 से 27:44:05 तक

दीपावली शुभ चौघड़िया मुहूर्त
संध्या मुहूर्त (अमृत, चर): 17:29 से 19:18 मिनट तक
रात्रि मुहूर्त (लाभ): 22:29 से 24:05 मिन तक
रात्रि मुहूर्त (शुभ, अमृत,चल): 25:41:06 से 30:27:51
इन घरों में होता है मां लक्ष्मी का वास-

मां लक्ष्मी दिवाली पर उन घरों में प्रवेश करती हैं जहां साफ-सफाई हो और प्रतिदिन पूजा-पाठ होता है।

दिवाली पूजन में इन चीजों को करें शामिल-

दिवाली पूजन में शंख, कमल का फूल, गोमती चक्र, धनिया के दाने, कच्चा सिंघाड़ा, मोती व कमलगट्टे का माला आदि शामिल करना चाहिए।

लक्ष्मी पूजन मंत्र
. ॐ ह्रीं श्रीं लक्ष्मीभयो नमः॥
. ॐ श्रीं श्रीयै नम:
. ॐ ह्रीं श्रीं लक्ष्मीभ्यो नमः॥
. ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्मयै नम:॥


मां लक्ष्मीजी की आरती

ऊं जय लक्ष्मी माता,मैया जय लक्ष्मी माता।।
तुमको निशदिन सेवत,हरि विष्णु विधाता।
ऊं जय लक्ष्मी माता।।

उमा,रमा,ब्रह्माणी,तुम ही जग-माता।
मैया तुम ही जग-माता।।
सूर्य-चंद्रमा ध्यावत,नारद ऋषि गाता।
ऊं जय लक्ष्मी माता।।

दुर्गा रूप निरंजनी,सुख सम्पत्ति दाता।
मैया सुख संपत्ति दाता।
जो कोई तुमको ध्यावत,ऋद्धि-सिद्धि धन पाता।
ऊं जय लक्ष्मी माता।।

तुम पाताल-निवासिनि,तुम ही शुभदाता।
मैया तुम ही शुभदाता।
कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी,भवनिधि की त्राता।
ऊं जय लक्ष्मी माता।।

जिस घर में तुम रहतीं, सब सद्गुण आता।
मैया सब सद्गुण आता।
सब संभव हो जाता, मन नहीं घबराता।
ऊं जय लक्ष्मी माता।।
तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न कोई पाता।
मैया वस्त्र न कोई पाता।
खान-पान का वैभव,सब तुमसे आता।
ऊं जय लक्ष्मी माता।।

शुभ-गुण मंदिर सुंदर, क्षीरोदधि-जाता।
मैया क्षीरोदधि-जाता।
रत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता।
ऊं जय लक्ष्मी माता।।

महालक्ष्मी जी की आरती,जो कोई नर गाता।
मैया जो कोई नर गाता।
उर आनन्द समाता, पाप उतर जाता।
ऊं जय लक्ष्मी माता।।

ऊं जय लक्ष्मी माता,मैया जय लक्ष्मी माता।
तुमको निशदिन सेवत, हरि विष्णु विधाता।
ऊं जय लक्ष्मी माता।।
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