केजरीवाल की एलजी से मधुर भेंट
(अशोक त्रिपाठी-हिन्दुस्तान फीचर सेवा)
दिल्ली में सरकार और उप राज्यपाल (एलजी) के बीच तनाव काफी बढ़ गया। संभवतः इतना तनाव किसी अन्य राज्यपाल के साथ नहीं रहा। उप मुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया ने उन पर आरोप लगाया कि नोट बंदी के दौरान एलजी विनय कुमार सक्सेना ने 1400 करोड़ का घोटाला किया। इस पर उप राज्यपाल ने वकील के माध्यम से नोटिस भेजवा दी। इसी बीच 9 सितम्बर को मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल उपराज्यपाल से मिलने उनके आवास गये। दरअसल प्रत्येक शुक्रवार को मुख्यमंत्री और उपराज्यपाल की मुलाकात होती है। यह शिष्टाचार भेंट है लेकिन पिछले कई शुक्रवारों से मुलाकात नहीं हो पायी। केजरीवाल इसका कारण बातते हैं कि वे जरूरी काम से दिल्ली से बाहर रहे लेकिन मुख्य वजह तनाव की बताई जा रही है। अब उपराज्यपाल से शिष्टाचार भेंट करने के बाद मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल बताते हैं कि वार्ता सौहार्दपूर्ण रही। हालांकि इस भेंट के दौरान केजरीवाल ने वही मुद्दे उठाए जिनका संबंध भाजपा से है। दिल्ली में सफाई व्यवस्था और कूड़े का निस्तारण न होने का मामला उठाया। यह एमसीडी से जुड़ा मामला है और एमसीडी पर भाजपा का कब्जा है। उप राज्यपाल की इस संदर्भ में प्रतिक्रिया सामने नहीं आयी है लेकिन सरकार और उपराज्यपाल के बीच संबंध मधुर हो जाएं तो यह अच्छी बात है।
दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने वकील के जरिए आम आदमी पार्टी, आतिशी, दुर्गेश पाठक, सौरभ भारद्वाज, संजय सिंह और जैस्मीन शाह को लीगल नोटिस भेजा है। हालिया दिल्ली विधानसभा सेशन के दौरान आम आदमी पार्टी विधायकों ने आरोप लगाया था कि खादी ग्रामोद्योग के चेयरमैन रहते हुए विनय कुमार सक्सेना के निर्देश पर गलत तरीके से पुराने नोटों को नए में बदलवाया गया और इसमें 1400 करोड़ का घोटाला हुआ। इसी मामले में उन्होंने ये एक्शन लिया है। एलजी की तरफ से भेज गए नोटिस में इस पर आपत्ति जाहिर की गई है। विधानसभा में इस मुद्दे को लेकर जो नारे लगाए गए थे और ट्वीटर पर जो हैशटैग चलाया गया इन पर भी नोटिस में सवाल उठाया गया है।
इधर, एलजी की नोटिस पर आप ने कहा, अगर उन्होंने कुछ गलत नहीं किया है तो सीबीआई की छापेमारी और जांच से इतना डरे हुए क्यों हैं? वह स्वतंत्र जांच के लिए खुद को पेश क्यों नहीं करते? उन्हें लोगों को धमकाना बंद कर देना चाहिए। आप ने कहा, उन्होंने केवीआईसी में इतना भ्रष्टाचार किया है कि अब वह लोगों को धमकाकर इसके खुलासे को रोकने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन वह हमारी आवाज को बंद नहीं करा सकते। हम भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाते रहेंगे। हम भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस रखते हैं।
दिल्ली में उपराज्यपाल और केजरीवाल की सरकार के बीच तनातनी तो 2013 से ही चली आ रही है। दोनों के बीच अधिकारों की लड़ाई है। लगभग चार वर्ष पहले सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्र और दिल्ली सरकार के अधिकारों को लेकर फैसला सुनाया था। केंद्र सरकार ने 2015 के अंत में एक नोटिफिकेशन जारी किया। इसमें कहा गया कि दिल्ली में सरकार का मतलब उपराज्यपाल हैं। मोदी सरकार ने कहा कि सर्विसेज विभाग चुनी हुई सरकार के अधिकार में नहीं बल्कि उपराज्यपाल के अधिकार में है। केंद्र ने नोटिफिकेशन में यह भी कहा कि दिल्ली सरकार की एंटी करप्शन ब्रांच को उपराज्यपाल के हवाले कर दिया गया है। इस तरह दिल्ली सरकार का एसीबी से पूरा कंट्रोल खत्म कर दिया गया। तत्कालीन एलजी नजीब जंग ने सर्विसेज विभाग के जरिए आईपीएस मुकेश मीणा को एसीबी का प्रमुख नियुक्त कर दिया। दिल्ली में सुप्रीम कौन होना चाहिए, इसको लेकर दिल्ली सरकार दिल्ली हाई कोर्ट में चली गई। वहां दिल्ली सरकार बनाम उपराज्यपाल का केस चला। दिल्ली हाई कोर्ट ने 4 अगस्त 2016 को अपने फैसले में कहा था कि उपराज्यपाल ही दिल्ली के प्रशासनिक प्रमुख हैं लेकिन बाद में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि दिल्ली के उपराज्यपाल स्वतंत्र फैसले नहीं ले सकते। उनकी भूमिका खलल डालने वाली नहीं होनी चाहिए।
दिल्ली सरकार और राजनिवास के बीच चल रही तल्खियों के बीच गत दिनों मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की एलजी वीके सक्सेना से मुलाकात हुई। दो सप्ताह के अंतराल के बाद हुई इस साप्ताहिक बैठक के दौरान दोनों के बीच करीब आधा घंटा बातचीत हुई। बैठक के बाद केजरीवाल ने कहा कि अच्छे माहौल में चर्चा हुई है। उन्होंने यह भी कहा कि उन दोनों के बीच मतभेद हो सकते हैं, लेकिन मनभेद नहीं हैं। साथ ही मुख्यमंत्री ने कहा कि दोनों मिलकर इन मुद्दों को समाधान निकालेंगे। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कई मुद्दों पर हमारे विचार अलग हो सकते हैं मतभेद हो सकते हैं पर मनभेद नहीं हैं वह एलजी हैं और मैं सीएम। हम दोनों का उद्देश्य दिल्ली के नागरिकों को बेहतर सुविधाएं मुहैया कराना है। केजरीवाल ने कहा कि अच्छे माहौल में चर्चा हुई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि दोनों मिलकर इन मुद्दों को समाधान निकालेंगे। मीडिया से बातचीत में केजरीवाल ने कहा, कई मुद्दों पर हमारे विचार अलग हो सकते हैं। लेकिन हम इनका समाधान चर्चा से निकाल सकते हैं और साथ काम करेंगे। दिल्ली के लिए महत्वपूर्ण है कि सीएम और एलजी साथ मिलकर काम करें। मुख्यमंत्री ने मीडिया से बातचीत में यह भी कहा, अच्छे माहौल में बैठक हुई है। कई मुद्दों पर चर्चा हुई, जैसे पानी, साफ-सफाई, बिजली और बहुत कुछ। हम एक साथ काम करते रहेंगे, जैसे अभी तक किया है। मालूम हो कि पिछले शुक्रवार इस बैठक में केजरीवाल के नहीं पहुंचने के बाद माना गया था कि वह नाराज हैं जबकि इससे पहले वाले शुक्रवार को एलजी उत्तर क्षेत्रीय विकास परिषद की बैेठक में शामिल होने जयपुर गए हुए थे। इस प्रकार दोनों में तनातनी साफ-साफ दिख भी रही थी। इसी बीच एलजी पर घोटाले का आरोप लगा और एलजी ने कानूनी नोटिस तक भिजवा दी। अब केजरीवाल से मधुर भेंट संबंधों में सुधार का संकेत है।
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