बिहार में कृषि उद्योग के विकास के लिए सीएम प्रयत्नशील : समीर

बिहार में कृषि उद्योग के विकास के लिए सीएम प्रयत्नशील : समीर

  • राईस मिल मालिकों की समस्या को करेगे सहयोगी विभाग से पहल : सुधाकर
  • कृषि क्षेत्र में राइस मिल मालिकों को सुविधा मिले बिहार होगा पंजाब से बेहतर : राजू गुप्ता

उद्योग मंत्री समीर कुमार महासेठ ने कहा कि बिहार कृषि प्रधान राज्य है। यहां की 79 प्रतिशत लोगों की जीविका कृषि पर आधारित है। यहां कृषि आधारित उद्योग की संभावनाएं है खासकर चावल से जुड़े मिल व उद्योग यहां के अर्थ व्यवस्था को आगे बढ़ा सकता है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिहार में कृषि आधारित उद्योग को बढ़ावा देने के लिए प्रयत्नशील हैं किसानों की आमदनी कैसे बढ़ाई जाय इसके लिए वे काम कर रहे हैं। किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए आवश्यक है कि राइस मिल का विकास हो। वे शनिवार को स्थानीय मिलर स्कूल मैदान में बिहार राज्य राईस मिल एसोसिएशन के सहयोग से तीन दिवससीय मोगाम्बिका ग्रेन एक्सपो व बिहार स्टेट राइस मिल एसोसिएशन अी आमसभा का विधिवत उदघाटन कर रहे थे। उन्होंने कहा कि बिहार को आगे बढ़ाने के लिए राइस मिल व चावल उत्पादक किसानों को विकसित करना जरूरी है। देश को अग्रणी राज्य बनाने के लिए राइस मिल उद्योग को आगे बढ़ाने के लिए सरकार सहयोग करेगी। इस मौके पर कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने कहा कि उनके विभाग का मूल काम है कि किसानों को उनके उत्पाद का उचित मूल्य मिले। इसके लिए मंत्रिपरिषद का सामूहिक दायित्व बनता है कि किसान को सरकार के आगे कुछ मांगना नहीं पड़े। उन्होंने कहा कि बिहार में धान खरीदने के लिए लाइसेंस देने का काम खाद्य आपूर्ति विभाग का है इसमें सहकारिता विभाग सहयोगी की भूमिका में है। वे राईस मिलरों की समस्या के समाधान के संबंधित विभाग के मंत्री स्वयं मिलकर पहल करेंगे। उन्होंने एसोसिएशन के लोगों से कहा कि वे लोग विभाग में आकर मिलें उनकी समस्या का अवश्य समाधान होगा। उन्होंने कहा कि फर्टिलाइजर बिक्री के लाइसेंस के लिए स्नातक होना अनिवार्य है इसमें बदलाव के लिए केन्द्र सरकार को पत्र लिखेंगे। ऐसे उनके विभाग के 15 दिनों का क्रैस कोर्स करकर खाद बिक्री का लाइसेंस ले सकते हैं। मंत्री बिहार में कृषि के विकास न होने केलिए भाजपा के 15 वर्षो के शासन को जिम्मेवार ठहराते हुए कहा कि एनडीए सरकार में यह विभाग भाजपा के पास था और उसके मंत्री सिर्फ व्यावसायिक वर्ग के लिए काम करते रहे किसानों के हित के प्रति ध्यान दिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए बिहार स्टेट राइस मिल एसोसिएशन के अध्यक्ष राजू गुप्ता ने कहा कि सरकार को नीति बनाने से पूर्व मिलर एसोसिएशन के प्रतिनिधियों से बात करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि बिहार के किसानों को उनके उत्पाद का सत प्रतिशत समर्थन मृल्य दिलाने के लिए राइस मिल को मजबूत करना होगा। उन्होंने कहा कि अगर बिहार में उत्पादित एक करोड़ 30 लाख मिट्रिक धान की बिहार में कुटाई हो तो बिहार स्वत: पंजाब से भी आगे हो जाएगा। यहां उत्पादित 15 प्रतिशत धान की अधिप्राप्ति हो पाती है। शत प्रतिशत धान अधिप्राप्ति के लिए राइस मिल को धान अधिप्राप्ति का अधिकार देना चाहिए। इस मौके पर बीआईए के पूर्व अध्यक्ष केपीएस केसरी, रामलाल खेतान, सरदार जगजीवन सिंह, पीके चौधरी, आनंद सिंह, राजीव राय, पप्पू सिंह, राजीव गुप्ता,रामचन्द्र प्रसाद व यूपी राइस मिल एसोसिएशन के प्रमोद सिंह सहित कई लोगों ने विचार व्यक्त किए।
हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews https://www.facebook.com/divyarashmimag

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ