सीपीईसी को लेकर पाकिस्तान संकट में

सीपीईसी को लेकर पाकिस्तान संकट में

पाकिस्तान को दिए गए कर्ज को लेकर अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने बड़ा बयान दिया है। आईएमएफ ने कहा है कि फिलहाल पाकिस्तान सरकार को दिए गए कर्ज सुरक्षित माने गए हैं लेकिन 2022-23 की दूसरी छमाही में सकल घरेलू उत्पाद की तुलना में कर्ज के अनुपात में गिरावट नहीं आने वाली है। इसलिए अनिश्चितता पैदा हुई है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने चीन-पाकिस्तान इकॉनमिक कॉरिडोर (सीपीईसी) को लेकर फिर से पाकिस्तान को मुश्किल में डाल दिया है। आईएमएफ इसके पहले भी चीन की इस परियोजना को लेकर पाकिस्तान को चेतावनी दे चुका है। अब एक ताजा विश्लेषण में उसने कहा है कि 2022 में सीपीईसी के तहत हुए निवेश से पाकिस्तान में आर्थिक वृद्धि दर बढ़ सकती है, लेकिन इसके साथ ही पाकिस्तान की कर्ज चुका पाने की क्षमता के लिए इससे नई चुनौतियां पैदा होंगी। पर्यवेक्षकों के मुताबिक इस समय आईएमएफ पर पाकिस्तान की जैसी निर्भरता है, उसे देखते हुए शहबाज शरीफ के लिए आईएमएफ की सलाह को सिरे से ठुकरा देना संभव नहीं होगा। पाकिस्तान के लिए हाल में कर्ज की एक किस्त को मंजूरी देने के बाद पाकिस्तान की सार्वजनिक एवं देशी कर्ज भुगतान की क्षमता के बारे में आईएमएफ ने एक विश्लेषण रिपोर्ट जारी की है।
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