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अंग्रेजी का परचम फहराते

अंग्रेजी का परचम फहराते

कुछ बात उन मित्रों से जो हर वक़्त अंग्रेजी का गुणगान करते
कुछ बात उन मित्रों से जो हर वक़्त अंग्रेजी का गुणगान करते हैं, माँ को मॉम तथा पिताजी को डैड कहते हैं। फेस बुक पर आते ही हाय से शुरू होंगे। दुनिया की कोई भी भाषा सीखो मगर अपनी मातृभाषा, राष्ट्र भाषा पहले सीखो, उस पर गर्व करो .....

अंग्रेजी का परचम फहराते जो घर घर में,
उसको ही महान बताते जो सारे जग में।
उनको मैं अंग्रेजी का सार बताना चाहता हूँ,
भूली बिसरी अंग्रेजी की औकात बताना चाहता हूँ।

अंग्रेजी तो अंग्रेजों के घर भी पिछड़ों की भाषा थी,
फ्रेंच में लिखना पढ़ना, सबकी अभिलाषा थी।
आज भी अंग्रेजी का आधार, फ्रेंच ही भाषा है,
वर्तमान में अंग्रेजी नहीं बनी विश्व की भाषा है।

चालीस प्रतिशत शब्द फ्रेंच के इसमे शामिल,
व्याकरण का अंग्रेजी को कोई बोध नहीं है।
नहीं लिखे गए बाइबिल और ग्रन्थ अंग्रेजी में,
नहीं पूर्व का साहित्य से इसका कोई नाता है।

डॉ अ कीर्तिवर्धन
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