मोदी 2 सितम्बर को करेंगे आईएनएस विक्रांत का जलावतरण

मोदी 2 सितम्बर को करेंगे आईएनएस विक्रांत का जलावतरण

नई दिल्ली। पीएम मोदी दो सितंबर को कोच्चि में आईएनएस विक्रांत के जलावतरण के साथ ही भारतीय नौ सेना के नए निशान का भी अनावरण करेंगे। यह ब्रिटिश राज की निशानियों से मुक्ति की दिशा में एक बड़ा कदम है। इस साल पंद्रह अगस्त को लाल किले से पीएम ने पंच प्रणों में गुलामी की निशानियों से मुक्ति की बात भी कही है। उन्होंने इस दिशा में कई कदम उठाए। अंग्रेजों के जमाने के 1500 से ज्यादा कानून खत्म कर दिए गए। बीटिंग द रिट्रीट समारोह से अंग्रेजों के जमाने से चली आ रही अबाइड विद मी धुन हटा कर कवि प्रदीप की ऐ मेरे वतन के लोगों शामिल की गई। आम बजट पहले फरवरी के अंतिम दिन होता था। अरुण जेटली ने इसे फरवरी के पहले दिन रखना शुरु किया। रेल बजट को आम बजट में मिला दिया गया जो पिछले 92 साल से अलग से पेश होता था। इंडिया गेट पर छतरी में नेताजी सुभाषचंद्र बोस का होलोग्राम लगाया गया जो बाद में मूर्ति में तब्दील किया जाएगा। राष्ट्रीय शिक्षा नीति में मातृभाषा में पढ़ाई पर जोर दिया गया। पीएम ने हाल ही में कोलकाता में विक्टोरिया मेमोरियल हॉल में बिप्लब भारत गैलरी का शुभारंभ किया। प्रधानमंत्री कार्यालय ने कहा कि मोदी आत्मनिर्भरता के प्रबल समर्थक रहे हैं, खासकर रणनीतिक क्षेत्रों में, और आईएनएस विक्रांत का नौसेना में शामिल होना इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा। यह पहला ऐसा पोत है, जिसे पूरी तरह से स्वदेश में बनाया गया है। भारतीय नौसेना के इन-हाउस वॉरशिप डिजाइन ब्यूरो (डब्ल्यूडीबी) द्वारा डिजाइन किया गया और सार्वजनिक क्षेत्र के शिपयार्ड कोचीन शिपयार्ड द्वारा निर्मित आईएनएस विक्रांत अत्याधुनिक ऑटोमेशन सुविधाओं से लैस है। यह भारत के समुद्री इतिहास में देश में निर्मित अब तक का सबसे बड़ा पोत है।
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