सकारात्मक ऊर्जा का द्योतक है मुस्कुराना

सकारात्मक  ऊर्जा का द्योतक है मुस्कुराना

जहानाबाद । विश्व चुटकुला दिवस पर सच्चिदानन्द शिक्षा एवं समाज कल्याण संस्थान की ओर से आयोजित मुस्कुराना जीने की कला विषय पर भारतीय विरासत संगठन के अध्यक्ष साहित्यकार व इतिहासकार सत्येन्द्र कुमार पाठक ने कहा कि इंसान की जिंदगी में मुस्कुराना सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश होते है । प्रत्येक वर्ष 1 जुलाई को अंतर्राष्ट्रीय चुटकुला दिवस व इंटरनेशनल जोक डे के अवसर पर हंसी और ख़ुशी का इंसान एक दूसरे को इजहार जोक्स, चुटकले और व्यंग बेझिझक बाहर निकालते हैं। दुनिया में हजारों किस्म के चुटकुले प्रचलित है। मौर्य काल के भगगवन बुद्ध के शिष्य जापान के होतेई ने ज्ञान की प्राप्ति की और तब वह जोर-जोर से हंसने लगे। तभी से उन्होंने अपने जीवन का एक मात्र उद्देश्य बांया जीवन की हसाना और खुश देखना। होतेई जहां जाते वहां के लोगों को हंसाते थे । जापान और चीन में लोग उन्हें हँसता हुआ बुद्धा बुलाने लगे थे । चीन , जापान , लंका , भूटान , नेपाल , भारत में होतेई का रूप में लाफिंग बुद्धा को धन-वैभव-सम्पन्नता, सफलता और सुख-शान्ति का देवता मानते है। बुद्ध के हँसते हुए चेहरे को खुशहाली और संपन्नता का द्वार समझा जाता है। विशेषज्ञों के अनुसार हसना मानव के साँस बहार की तरफ़ छोड़ते समय हा-हा कर हंसने से शरीर के कई महत्वपूर्ण हिस्सों में रक्त का संचार सुचारु रूप से अंग मजबूत होते है। साँस को बाहर की और निकालते हुए खुलकर हो-हो करते हुए हँसने से तंत्रिका तंत्र और पाचन तंत्र पर अच्छा प्रभाव से कार्य क्षमता बढ़ती है। हंसने से मन की शक्ति का संचार होता है । हा-हा, हा-हा की आवाज करके जोर-जोर से हंसने से ब्लड सर्कुलेशन )बढ़ता है। रात में हास्य के साथ योग का अभ्यास करने से सभी चिंताएं दूर होती हैं और अच्छी नींद , हंसने से शरीर के अंदर सकारात्मक ऊर्जा का विकास होता है। चार्ली चैप्लिन ने कहा है कि जिंदगी में सबसे बेकार दिन वह है जिस दिन इंसान नहीं हंसता है । चेहरे की मुस्कान धरती पर एकता और शांति की शुरुआत है। सकारात्मक ऊर्जा का विस्तार धरती पर हँसने और मुस्कुराने से होता है। विश्व आतंवाद, रोगों, ग्लोबल वार्मिंग तथा घातक शस्त्रों की होड़ से पीड़ित है। हास्य एक सार्वभौमिक भाषा है। हंसी में जाति, धर्म, रंग, लिंग, देश की सीमाओं से परे रहकर मानव जाति को एकता रूपी धागे से जोड़ने की क्षमता है। विश्व चुटकुला दिवस को विश्व जोक दिवस , विश्व मजाक दिवस , विश्व चुटकुला दिवस की शुरुवात अमेरिकन लेखक वें रिनागल द्वारा 01 जुलाई 1994 ई. को पुस्तकों को बढ़ावा तथा प्रचार प्रसार के लिए जोक्स , कार्टून , मोक्स का प्रयोग किया गया था।
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