अगले 25 वर्षों के संकल्पों का समय: मोदी

अगले 25 वर्षों के संकल्पों का समय: मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज प्रथम अखिल भारतीय जिला विधिक सेवा प्राधिकरण बैठक के उद्घाटन सत्र में हिस्सा लिया। इस मौके पर भारत के मुख्य न्यायाधीश एन. वी. रमना और केंद्रीय कानून मंत्री किरण रिजिजू भी मौजूद रहे। इस बैठक में पीएम मोदी ने कहा, ‘ये समय हमारी आजादी के अमृतकाल का समय है। ये समय उन संकल्पों का समय है जो अगले 25 वर्षों में देश को नई ऊंचाई पर ले जाएंगे। देश की इस अमृतयात्रा में व्यापार करने में आसानी और जीवन में आसानी की तरह ही न्याय की आसानी भी उतनी ही जरूरी हैं।’ उन्होंने कहा, ‘किसी भी समाज के लिए न्याय प्रणाली तक पहुंच जितनी जरूरी है, उतनी ही जरूरी न्याय वितरण प्रणाली भी है। इसमें एक अहम योगदान न्यायिक अवसंरचना का भी होता है। पिछले आठ सालों में देश के न्यायिक अवसंरचना को मजबूत करने के लिए तेज गति से काम हुआ है।’ पीएम मोदी ने कहा, ‘देश की इस अमृत यात्रा में “ईज ऑफ डूइंग बिजनेस” और “ईज ऑफ लिविंग” की तरह ही “ईज ऑफ जस्टिस” भी जरूरी है।’ प्रधानमंत्री ने वकीलों और जजों से कहा, ‘आप सब यहां संविधान के एक्सपर्ट और जानकार हैं। ‘न्याय का भरोसा हर देशवासी को ये एहसास दिलाता है कि देश की व्यवस्थाएं उसके अधिकारों की रक्षा कर रही हैं। इसी सोच के साथ देश ने नेशनल लीगल सर्विस अथॉरिटी की स्थापना भी की, ताकि कमजोर से कमजोर व्यक्ति को भी न्याय का अधिकार मिल सके।’ पीएम मोदी ने कहा, ‘किसी भी समाज के लिए ज्यूडिशियल सिस्टम तक एक्सेस जितना जरूरी है, उतना ही जरूरी जस्टिस डिलीवरी भी है। इसमें एक अहम योगदान ज्यूडिशियल इन्फ्रास्ट्रक्चर का भी होता है। पिछले आठ सालों में देश के ज्यूडिशियल इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए तेज गति से काम हुआ है।’
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