जन्म से जो भी हैं हम

जन्म से जो भी हैं हम

जन्म से जो भी हैं हम, वह तो रहेंगे,
निज धर्म की पहचान, सबसे कहेंगे।
धर्म ने हमको सिखाया, क्यों जीयें हम,
मानवता सर्वोपरि है, सदाचरण कहेंगे।

कुरुक्षेत्र में श्री कृष्ण ने सबको बताया,
कर्तव्य और अधिकार का मर्म बताया।
आत्मा अजर अमर, शरीर उसको धारता,
बुद्धि को साथ ले, कर्म का सार बताया।

जो धरा पर आया है, एक दिन जाना पड़ेगा,
त्याग कर वस्त्र पुराने, नूतन में आना पड़ेगा।
कर्मों से संचित करोगे, पाप पुण्य जो भी हों,
बीज तुमने जो बोये, फसल को निभाना पड़ेगा।

है सनातन धर्म अपना, सनातन है आत्मा,
मरती नहीं गलती नहीं, अजर अमर आत्मा।
दया दान संवेदनाएँ, सनातन का सार यह,
धर्म पर अभिमान, परमात्मा का अंश आत्मा।

अ कीर्ति वर्द्धन
हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews https://www.facebook.com/divyarashmimag

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ