लगातार बढ़ रहा प्रदेश सरकार का खर्च, 5800
करोड़ की राशि के सदुपयोग की चुनौती देहरादून। आय कम और खर्च अधिक, परिणाम यह है कि विकास कार्यों के लिए पर्याप्त धन उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। अनियंत्रित हो रही इस बीमारी का उपचार यही है कि सरकार बजट में अपव्यय पर अंकुश लगाए। चालू वित्तीय वर्ष 2022-23 के बजट में 5800 करोड़ से अधिक धनराशि ऐसी है, जिसका दुरुपयोग रोकने और संतुलित उपयोग करने से निर्माण और कल्याण कार्यों के लिए धन बचाया जा सकता है। प्रदेश सरकार का खर्च लगातार बढ़ रहा है। तुलनात्मक रूप से आय के संसाधन बढ़ाने में गंभीरता नहीं दिखाई जा रही है। यह सब कुछ तब हो रहा है, जब बजट में मितव्ययता की सीख दी जाती है। हर वित्तीय वर्ष की शुरुआत में विभागों को बजट का अपव्यय और अनावश्यक व्यय से बचने का परामर्श दिया जाता है। कैग की रिपोर्ट हर बार अनावश्यक व्यय और अपव्यय रोकने की आवश्यकता पर ध्यान खींचती है। बजट खर्च को लेकर जारी होने वाले निर्देशों और कैग की रिपोर्ट के बाद भी बजट के दुरुपयोग को रोकना संभव नहीं हो पा रहा है।
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