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महंत को घसीट कर ले गया बाघ

महंत को घसीट कर ले गया बाघ

लखीमपुर खीरी। उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी स्थित तिकुनिया कोतवाली क्षेत्र के खरेटिया गांव में राम जानकी मंदिर के महंत को शुक्रवार रात एक बाघ ने अपना निवाला बना लिया। प्राप्त जानकारी के मुताबिक, महंत मोहन दास पानी पीने के लिए मंदिर परिसर में ही लगे नल पर गए थे, जहां दुधवा टाइगर के जंगल से निकले बाघ ने उन पर हमला कर दिया। बाघ महंत को खींचकर दूर एक खेत में ले गया, जहां अधखाई अवस्था में लाश छोड़कर वापस जंगल में भाग गया।
इस घटना के एक चश्मदीद वीरेंद्र सिंह ने बताया कि वह मंदिर से थोड़ी दूरी पर रहते हैं। शुक्रवार शाम को 7 बजे वह और उनका नौकर महंत के लिए खाना लाए थे और खाना देने के बाद घर चले गए। जब लगभग 8.30 बजे के आसपास उनका नौकर वापस मंदिर की तरफ आया तो महंत वहां नहीं मिले। वीरेंद्र सिंह बताते हैं, ‘इसके बाद नौकर ने फोन करके मुझको बुला लिया। मैं मौके पर पहुंचा तो महंत की चप्पल इधर-उधर पड़ी थी। जब टार्च की रोशनी में हमने तलाश की तो देखा कि बाघ एक खेत में बैठकर उन्हें खा रहा था। यह देख हमने अपने पड़ोसियों को बुला लिया और जोर से चिल्लाए। इस शोर के बाद बाघ उनकी लाश को छोड़कर भाग गया।’ महंत की मौत की सूचना पाकर मौके पर भारी संख्या में लोग इकट्ठे हो गए। लोगों में वन विभाग के खिलाफ भारी आक्रोश देखने को मिल रहा था। मौके पर मौजूद लोगों ने तिकुनिया खरेटिया मार्ग को जाम कर वन विभाग के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान तिकुनिया रेंजर ने लोगों को काफी समझाने बुझाने का प्रयास किया, लेकिन लोग रेंजर की बात मानने को तैयार नहीं थे। उनका कहना था कि वन विभाग जल्द से जल्द उस बाघ के आतंक से निजात दिलाए।
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