बनकर बेजोड़

बनकर बेजोड़

      ----:भारतका एक ब्राह्मण.
          संजय कुमार मिश्र'अणु'
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ये आखिर
विरोध का कौन सा तरीका है
जो राष्ट्र की संपत्ति को
तुम कर रहे हो तोडफोड
इससे पता चलता है,कि..तुम्हारा
है अपराधी,माफिया से गठजोड़
मानता हूँ मैं
ये जो सरकार की नीति है
है तेरे उज्जवल भविष्य के खिलाफ
फिर भी इसका मतलब ये नहीं है
कि तुम भी भुल जाओ इंसाफ
और आग लगाते फिरो तुम
हर चौक-चौराहे-गडी-सडक-मोड
यदि सरकार से मनवानी है बात
तो पहले बंद करो करना ये उत्पात
और शांति से सडक पर बैठकर
व्यक्त कर सकते हो अपनी जज्बात
इस अराजक स्थिति को छोड
ये कहीं से भी उचित नहीं है
कि तुम हो जाओ आपे से बाहर
और आग लडाते फिरते रहो
गांव-गांव गली-गली और शहर
मारो पिटो और सर दो फोड
इस तरह के विरोध से तो
परेशान होगें तेरे अपने हीं लोग
उन लोगों का क्या होगा नुकसान
जो दिया है तुम्हे लाइलाज ये रोग
ऐसी घृणा से तु ले मुंह मोड
मानता हूँ तेरा गुस्सा जायज है
पर ऐसे प्रकट करना तो नाजायज चल मांग ले माफीदोनों हाथ जोड
तु विपरीत परस्थितियों से संघर्ष कर
और दिखा दे बनकर बेजोड
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वलिदाद,अरवल(विहार)८०४४०२.
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