उद्धव के सहायक बने वृजभूषण

उद्धव के सहायक बने वृजभूषण

(अशोक त्रिपाठी-हिन्दुस्तान समाचार फीचर सेवा)
राजनीति में कभी-कभी परिस्थितियां बहुत दिलचस्प मोड़ पर ले आती हैं। महाराष्ट्र मंे महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के नेता राजठाकरे को लेकर ऐसा ही हो रहा है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और शिवसेना के नेता उद्धव ठाकरे राज्य मंे अजान और हनुमान चालीसा के पाठ को लेकर परेशान हैं। यह परेशानी उनके चचेरे भाई राजठाकरे ने खड़ी की है। भाजपा इस तमाशे को बड़ी उत्सुकता से देख रही है क्योंकि ठाकरे परिवार के झगड़े से उसको फायदा होगा। इस मामले मंे भाजपा के ही सांसद वृजभूषण शरण सिंह ने टांग अड़ा दी है। वे उत्तर प्रदेश के कैसरगंज से सांसद हैं और राजठाकरे को अयोध्या में न घुसने की चेतावनी दे दी है। वृजभूषण शरण की नाराजगी मुंबई मंे मनसे द्वारा उत्तर भारतीयों की प्रताड़ना है। अब राजठाकरे को भाजपा के ही एक सांसद से उलझता देखकर उद्धव ठाकरे राहत महसूस कर रहे होंगे। इस प्रकार भाजपा के सांसद ही उद्धव ठाकरे के सहायक बन गये हैं।
यूपी के गोंडा से बीजेपी सांसद हैं बृजभूषण शरण सिंह मनसे प्रमुख राज ठाकरे 5 जून को अयोध्या का दौरा करने वाले हैं। सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने कहा है कि उन्हें पहले उत्तर भारतीयों से माफी मांगनी चाहिए, जिनके खिलाफ उन्होंने जहर उगला है और अब वे अयोध्या आ रहे हैं। अगर वह बिना माफी मांगे आए तो मैं उत्तर भारतीयों को अपमानित करने वाले राज ठाकरे को अयोध्या की सीमा में घुसने नहीं दूंगा। सिंह ने आगे कहा कि कानून व्यवस्था का मुझे नहीं पता पर मैंने जो बोला है वहीं करूंगा। क्योंकि भगवान राम भी उत्तर भारतीय थे और ये उत्तर भारतीयों को ही मारते हैं। राज ठाकरे को चेतावनी देते हुए बीजेपी सांसद ने कहा कि बिना माफी दर्शन तो दूर अयोध्या में ही घुसने नहीं दूंगा। सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने तीन ट्वीट करते हुए राज ठाकरे पर जुबानी हमला किया और उत्तर भारतीयों को अपमानित करने का आरोप लगाते हुए उनसे माफी की मांग की। उन्होंने ट्वीट किया, ”उत्तर भारतीयों को अपमानित करने वाले राज ठाकरे को अयोध्या की सीमा में घुसने नहीं दूंगा। अयोध्या आने से पहले सभी उत्तर भारतीयों से हाथ जोड़कर माफी मांगे राज ठाकरे।” बृजभूषण शरण सिंह ने दूसरे ट्वीट में सीएम योगी आदित्यनाथ को भी ठाकरे से न मिलने की अपील की। उन्होंने ट्वीट किया, ”जब तक राज ठाकरे सार्वजनिक रूप से उत्तर भारतीयों से माफी नहीं मांग लेते मेरा आग्रह है तब तक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी को राज ठाकरे से नहीं मिलना चाहिए।” बीजेपी सांसद ने राम मंदिर आंदोलन में भी ठाकरे परिवार की भूमिका पर ट्वीट किया। जिसमें उन्होंने कहा, “राम मंदिर आन्दोलन से लेकर मंदिर निर्माण तक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, विश्व हिन्दू परिषद और आमजन की ही भूमिका रही है। ठाकरे परिवार का इससे कोई लेना देना नहीं”।

मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने देश भर में हो रहे लाउडस्पीकर विवाद पर सीएम योगी आदित्यनाथ द्वारा दिए गए निर्देशों की सराहना की थी लेकिन आने वाले समय में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के प्रमुख राज ठाकरे की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। दरअसल उनके खिलाफ बॉम्बे हाईकोर्ट में एक याचिका दाखिल की गई है, जिसमें मांग की गई है कि अदालत महाराष्ट्र सरकार और पुलिस को निर्देश दें कि राज ठाकरे के खिलाफ राजद्रोह का मुकदमा दायर करें। यह याचिका पुणे के रहने वाले एक सामाजिक कार्यकर्ता हेमंत पाटिल ने दायर की है। पाटिल ने अपनी याचिका में कहा है कि इस मामले की तत्काल सुनवाई होनी चाहिए। हेमंत पाटिल एक एनजीओ के प्रमुख भी हैं। उन्होंने अपनी याचिका में कहा है, ‘राज ठाकरे ने बीते 1 मई को औरंगाबाद में एक रैली का आयोजन किया था। इस रैली में उन्होंने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रमुख शरद पवार के खिलाफ भड़काऊ बातें की थीं। राज ठाकरे की बातों से राकांपा कार्यकर्ताओं में अशांति फैल सकती है, जिससे राज्य में शांति भंग हो सकती है। लिहाजा, उनके खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज करने का निर्देश दिया जाए।’ राज ठाकरे के कार्यकलापों से उद्धव ठाकरे की सरकार परेशान थी और राज्य में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई। फिर भी मनसे कार्यकर्ताओं ने 4 मई को मुंबई के चांदीवली इलाके में एक मस्जिद के सामने हनुमान चालीसा बजाया। मुंबई पुलिस ने कार्रवाई करते हुए मनसे के चांदीवली इकाई के प्रमुख महेंद्र भानुशाली और अन्य कार्यकर्ता को हिरासत में ले लिया। पिछले महीने 12 अप्रैल को मनसे प्रमुख ने महाराष्ट्र सरकार को 3 मई के भीतर मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाने की मांग करते हुए एक अल्टीमेटम दिया था और कहा था कि अगर सरकार नहीं हटाती है तो उनके पार्टी के कार्यकर्ता लाउडस्पीकर पर हनुमान चालीसा बजाएंगे। लाउडस्पीकर विवाद के मुद्दे पर शिवसेना नेता संजय राउत ने महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के प्रमुख राज ठाकरे को आड़े हाथों लिया। उन्होंने शिवसेना के संस्थापक बाला साहेब ठाकरे की पुरानी क्लिप साझा करने पर राज ठाकरे की खिंचाई करते हुए कहा, ‘इस वक्त वे क्यों यह मुद्दा उठा रहे हैं? जब राज्य में विलासराव देशमुख, पृथ्वीराज चव्हाण और देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री थे तब उन्होंने लाउडस्पीकर का मुद्दा नहीं उठाया। राउत ने कहा, ‘हर जगह लाउडस्पीकर पर राजनीति हो रही है और लाउडस्पीकरों के बारे में बाला साहेब के विचारों का उनके कुछ पुराने वीडियो क्लिप साझा किए जा रहे हैं, जबकि इससे पहले उन्होंने (राज ठाकरे) इस पर कभी बात नहीं की।’ संजय राउत ने जनसभा के दौरान यह भी कहा, ‘वे (मनसे प्रमुख राज ठाकरे) इसलिए यह मुद्दा उठा रहे हैं, क्योंकि उनके भाई (उद्धव ठाकरे) महाराष्ट्र के सीएम हैं। इससे पहले उन्हें लाउडस्पीकर से कभी कोई समस्या नहीं हुई।’ राउत ने आगे कहा, ‘बाला साहेब एक ऐसे व्यक्ति थे, जिन्होंने राज्य के लिए एक मुस्लिम मुख्यमंत्री को भी स्वीकार कर लिया था। आज के कई युवाओं को यह नहीं पता होगा लेकिन अब्दुल रहमान अंतुले, बाला साहेब के पसंदीदा मुख्यमंत्री थे। जब लोगों ने बाला साहेब से पूछा था कि शिवसेना कब सत्ता में आएगी और वह किस तरह का सीएम चाहते हैं, तो उन्होंने कहा था कि वह अंतुले जैसा सीएम चाहते हैं, जो तुरंत निर्णय ले सके और जिसकी प्रशासन पर अच्छी पकड़ हो।’ इससे पूर्व मनसे प्रमुख ने 36 सेकंड का एक लंबा वीडियो ट्वीट किया, जिसमें बालासाहेब शिवसेना की रैली को संबोधित कर रहे हैं और कह रहे हैं कि धर्म इस तरह से होना चाहिए कि वह देश के विकास के बीच में न आए। वीडियो में शिवसेना के संस्थापक को यह कहते हुए सुना जा सकता है, ‘लोगों को कोई असुविधा महसूस नहीं होनी चाहिए’। इसके बाद शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने बाला साहेब के एक पुराने वीडियो को ट्विटर पर साझा करते हुए राज ठाकरे को आईना दिखाया और कहा कि वे बाला साहेब की ‘सस्ती कॉपी’ हैं। इस प्रकार राजठाकरे का मामला अब भाजपा के ही पाले में चला गया है।
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