पति का सपना पूरा कर बनी लेफ्टिनेंट

पति का सपना पूरा कर बनी लेफ्टिनेंट

मध्य प्रदेश के ही रीवा में दो साल पहले लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सैनिकों से हुई झड़प में शहीद हुए दीपक सिंह की पत्नी रेखा भी लेफ्टिनेंट बन गई हैं। वे 28 मई से शुरू हो रही ट्रेनिंग के लिए चेन्नई जाएंगी। इस मौके पर उन्होंने कहा कि मैंने अपने पति के सपने को पूरा किया है। वे चाहते थे कि मैं अधिकारी बनूं। उनकी शहादत के बाद मैंने इस सपने को पूरा करने का संकल्प लिया था। लेफ्टिनेंट रेखा ने बताया कि इस संकल्प को पूरा करने में उनके मायके और ससुराल ने पूरा सहयोग दिया।

लेफ्टिनेंट रेखा सिंह ने बताया कि जब कोई नव विवाहिता किसी कारणवश अपने पति को खो देती है तो परिवार और समाज उस बेटी के भविष्य को लेकर अनेक प्रश्नचिन्ह लगाते हैं। कई बार लोग महिलाओं पर तरह-तरह के लांछन लगाते हैं। भविष्य के आगे बढ़ने के उसके सभी रास्ते बंद करने की कोशिश करते हैं। मैं ऐसे लोगों का मुंह बंद करने और अपनी बहनों को हौंसला देने के लिए सेना में शामिल हुई हूं। गौरतलब है कि लांस नायक शहीद दीपक सिंह की पत्नी रेखा ने शादी के महज 15 महीने बाद ही पति को खो दिया था। दीपक 15 जून 2020 को लद्दाख के गलवान घाटी में शहीद हो गए थे। उन्होंने चीनी सैनिकों के साथ कड़ा मुकाबला किया था। दीपक सिंह को मरणोपरांत वीर चक्र से सम्मानित किया गया था। रेखा सिंह जवाहर नवोदय विद्यालय सिरमौर में टीचर थीं। उनके मन में टीचर बनकर समाज की सेवा करने के सपने थे। शादी के बाद पति दीपक सिंह ने उन्हें अधिकारी बनने के लिए प्रेरित किया था। रेखा सिंह भी पति की प्रेरणा पर चल रही थीं। पति की शहादत के बाद मध्य प्रदेश सरकार ने उन्हें शिक्षाकर्मी वर्ग दो पद पर नियुक्ति दे दी थी। उन्होंने पूरी जिम्मेदारी से अपना दायित्व निभाया, लेकिन उनके मन में सेना में जाने की इच्छा बनी रही। उन्होंने जिला सैनिक कल्याण कार्यालय से इस संबंध में चर्चा की। रेखा सिंह को जिला प्रशासन और जिला सैनिक कल्याण कार्यालय ने मदद की और वे आज लेफ्टिनेंट हैं।
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