संयम और त्याग की प्रतिमूर्ति अहिंसा के प्रणेता भगवान महावीर

संयम और त्याग की प्रतिमूर्ति अहिंसा के प्रणेता भगवान महावीर

जहानाबाद ।  पंचशील तथा जिओ  और जीने दो के प्रणेता भगवान महावीर जयंती तथा मेषसंक्रान्ति  के अवसर पर भारतीय विरासत संगठन के अध्यक्ष साहित्यकार व इतिहासकार सत्येन्द्र कुमार पाठक ने कहा कि भगवान महावीर का जन्म बिहार के वैशाली जिले के कुंडग्राम में इक्ष्वाकु वंशीय राजा सिद्धार्थ की पत्नी त्रिशला के गर्भ से चैत्र शुक्ल त्रयोदशी 599 ई. पू. में अवतरित हुए तथा   72 वर्षीय भगवान महावीर स्वामी को बिहार के नालंदा जिले का पावापुरी में कार्तिक कृष्ण अमावस्या को मोक्ष प्राप्ति हुई थी । भगवान महावीर वर्तमान अवसर्पिणी काल की हिंसा, पशुबलि, जात-पात का भेद-भाव जिस युग में बढ़ गया, उसी युग में भगवान महावीर ने दुनिया को सत्य, अहिंसा का पाठ पढ़ाया। तीर्थंकर महावीर स्वामी ने अहिंसा को सबसे उच्चतम नैतिक और  विश्व को जैन धर्म के पंचशील सिद्धांत अहिंसा, सत्य, अपरिग्रह, अचौर्य (अस्तेय) , ब्रह्मचर्य , अनेकांतवाद, स्यादवाद और अपरिग्रह सिद्धान्त दिए। महावीर का 'जियो और जीने दो' का सिद्धान्त है।  भगवान महावीर स्वामी जी का   जिओ और जीने दो विश्व को महान मंत्र देकर शांति का मार्ग प्रशस्त किया है ।  श्वेतांबर परम्परा के अनुसार महावीर स्वामी का विवाह यशोदा से हुआ था । महावीर स्वामी की भर्या यशोदा की पुत्री प्रियदर्शिनी के विवाह राजकुमार जमाली के साथ हुआ था । भगवान महावीर ने  धर्म, सत्य, अहिंसा, ब्रह्मचर्य और अपरिग्रह, क्षमा पर सबसे अधिक जोर दिया है। त्याग और संयम, प्रेम और करुणा, शील और सदाचार का महत्वपूर्ण कहा है । भारतीय विरासत संगठन के अध्यक्ष साहित्यकार व इतिहासकार सत्येन्द्र कुमार पाठक ने कहा कि  सौर चक्र का प्रथम वर्ष के विक्रम , हिंदू,  लूणी-सौर कैलेंडर  चंद्र एवं सौर नव वर्ष मेषसंक्रान्ति  होता है । भारतीय उपमहाद्वीप में  सौर चक्र वर्ष का ओडिया, पंजाबी, मलयालम, तमिल और बंगाली कैलेंडर में महत्वपूर्ण स्थान है। ज्योतिष शास्त्र   के अनुसार  सूर्य के विशिष्ट तरह का मेष  संक्रमण करने से  मेष संक्रांति भारतीय कैलेंडर की बारह संक्रांतियों में है । मेष राशि में सूर्य के संक्रमण के दिन को संदर्भित करती है। उपमहाद्वीप के सौर और चंद्र पंचांग में मेष संक्रांति 14 अप्रैल को  हिंदू, सिख और बौद्ध त्योहारों में से वैशाखी और वेसक सबसे प्रसिद्ध हैं । मेषसंक्रान्ति थाईलैंड, लाओस, कंबोडिया, म्यांमार, श्रीलंका, पूर्वोत्तर भारत के कुछ हिस्सों, और वियतनाम और चीन के  में बौद्ध पंचाग पर आधारित नए साल के त्योहारों से  है। सामूहिक रूप से सोंगक्रान , वैशाखी , सतुआणि  के रूप में जाना जाता है।के दिन को संदर्भित करती है। उपमहाद्वीप के सौर और चंद्र पंचांग में मेष संक्रांति14 अप्रैल को  हिंदू, सिख और बौद्ध त्योहारों में से वैशाखी और वेसक सबसे प्रसिद्ध हैं । मेषसंक्रान्ति थाईलैंड, लाओस, कंबोडिया, म्यांमार, श्रीलंका, पूर्वोत्तर भारत के कुछ हिस्सों, और वियतनाम और चीन के  में बौद्ध पंचाग पर आधारित नए साल के त्योहारों से  है। सामूहिक रूप से सोंगक्रान , वैशाखी , सतुआणि  के रूप में जाना जाता है।
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