उद्धव ठाकरे की उलझन

उद्धव ठाकरे की उलझन

(अशोक त्रिपाठी-हिन्दुस्तान समाचार फीचर सेवा)
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और शिवसेना के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे की कमजोर नस पर भाजपा प्रहार करती है। राजनीतिक परिस्थितियां ऐसी हैं कि शिवसेना नेता बचाव की मुद्रा में खड़े दिखाई पड़ते। अभी हाल में उद्धव ठाकरे के चचेरे भाई और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के नेता राजठाकरे ने पहले चेतावनी दी कि मस्जिदों में लाउडस्पीकर से अजान होगी तो हम लाउडस्पीकर से हनुमान चालीसा पढ़ेंगे। मनसे नेताओं ने इसे अमली जामा भी पहनाया। इस पर राज्य की पुलिस ने जुर्माना ठोंका। अब इस पर सियासत हो रही है। भाजपा के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने कहा कि लाउडस्पीकर पर हनुमान चालीसा पढ़ने से सरकार को परेशानी क्यों हो रही है? इसका जवाब देते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा कि भाजपा के पास हिन्दुत्व का पेटेंट नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा के पास मुद्दे नहीं हैं, इसलिए वह नफरत फैलाने का काम कर रही है।

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने कहा कि भाजपा के पास हिंदुत्व का ‘पेटेंट’ नहीं है। उन्होंने दावा किया कि शिवसेना के दिवंगत सुप्रीमो बाला साहब ठाकरे ने भाजपा को दिखाया था कि भगवा और हिंदुत्व के मेल से केंद्र की सत्ता हासिल करने में मदद मिल सकती है। ठाकरे ने कहा कि भाजपा के उलट शिवसेना हमेशा से ‘भगवा और हिंदुत्व’ को लेकर प्रतिबद्ध रही है जबकि उसके (भाजपा) भारतीय जनसंघ और जन संघ जैसे अलग-अलग नाम है जो अलग विचारधारा प्रसारित करती है। ठाकरे कोल्हापुर उत्तर सीट पर उपचुनाव से दो दिन पूर्व महा विकास अघाडी (एमवीए) प्रत्याशी जयश्री जाधव के प्रचार अभियान में डिजिटल माध्यम से शामिल हुए थे।

उद्धव ठाकरे ने वर्ष 2019 में विधानसभा चुनाव के दौरान कोल्हापुर सीट पर शिवसेना प्रत्याशी को मिली हार के लिए भाजपा को जिम्मेदार ठहराया। उस समय दोनों दलों का गठबंधन था। ठाकरे ने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि क्या भाजपा का कांग्रेस के साथ इस सीट पर वर्ष 2019 के चुनाव में गुप्त गठबंधन था। उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा के पास हिंदुत्व का पेटेंट नहीं है। मुझे आश्चर्य है कि अगर भगवान राम का जन्म नहीं हुआ होता तो भाजपा राजनीति में कौन सा मुद्दा उठाती। चूंकि भाजपा के पास मुद्दों की कमी है इसलिए वह धर्म और नफरत पर बात कर रही है। ठाकरे ने कहा कि उनके पिता बाल ठाकरे वह व्यक्ति थे जिन्होंने उन्हें (भाजपा को) दिखाया कि भगवा और हिंदुत्व उन्हें दिल्ली के रास्ते पर ले जा सकता है। कोल्हापुर उत्तर उपचुनाव पर बोलते हुए ठाकरे ने कहा, 2019 में वर्ष 2014 के मुकाबले (कोल्हापुर उत्तर सीट पर) कांग्रेस के मत बढ़ गए जिसका नतीजा हुआ कि शिवसेना प्रत्याशी की भाजपा के साथ गठबंधन के बावजूद हार हुई। उन्होंने कहा कि अगर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) दावा करती है कि वह बाल ठाकरे का सम्मान करती है तो फिर वह क्यों नवी मुंबई में बन रहे अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का नाम दिवंगत शिवसेना संस्थापक के नाम पर करने के प्रस्ताव का विरोध कर रही है। ठाकरे ने दावा किया था कि वर्ष 2019 के चुनाव में भाजपा ने शिवसेना को मुख्यमंत्री का पद देने का वादा किया था। संभवतः इसी का संदर्भ देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, भाजपा क्यों अपने शब्दों और प्रतिबद्धता से पीछे हटी जो (केंद्रीय गृह मंत्री) अमित शाह ने बाला साहेब के कमरे में की थी जिसे मैं मंदिर मानता हूं।

महाराष्ट्र में हिंदुत्त्व के मसले पर दो पुराने सहयोगी और अब राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी आमने-सामने हैं। इनमें एक हैं- भारतीय जनता पार्टी के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस। दूसरे हैं- शिवसेना प्रमुख और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना इस मुद्दे पर महाराष्ट्र में तीसरा पक्ष है, जिसके चार कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी देवेंद्र फडणवीस ने मुद्दा बनाया है। ये लोग बिना इजाजत मुंबई के दादर में स्थित शिवसेना भवन के सामने टैक्सी पर लाउडस्पीकर लगाकर हनुमान चालीसा बजा रहे थे। इस पर शिवाजी पार्क पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। तुरंत इस पर प्रतिक्रिया में फडणवीस ने सीधे उद्धव ठाकरे पर तंज कसते हुए सवाल किया, ‘लाउडस्पीकर पर हनुमान चालीसा बजाने से कुछ लोग नाराज क्यों हो जाते हैं?’

फडणवीस ने कहा, ‘दूसरे धर्म के लोग भी लाउडस्पीकरों पर रोज अपनी प्रार्थनाएं बजाते हैं। अगर उन्हें (उद्धव ठाकरे को) उनसे दिक्कत नहीं है, तो लाउडस्पीकर पर हनुमान चालीस बजाए जाने से परेशानी क्यों?’ उन्होंने शिवसेना पर यह भी आरोप लगाया कि उसने हिंदुत्त्व का मसला छोड़ दिया है और छद्म-धर्मनिरपेक्षता का चोला ओढ़ लिया है। इसके जवाब उद्धव ठाकरे ने कोल्हापुर के शिवसेना कार्यकर्ताओं को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित करते हुए कहा, ‘हमने उन्हें (भाजपा को) छोड़ा है, हिंदुत्त्व नहीं। हिंदुत्त्व पर उन्होंने कोई ठेका नहीं ले रखा है। वे अपनी सुविधा से इस मुद्दे का इस्तेमाल करते हैं। जब उन्हें ठीक लगता है, इसे उठाते हैं। नफरत फैलाते हैं और आगे बढ़ जाते हैं। हम ऐसा नहीं करते। हमारी आस्था शुरू से भगवा पर है, आगे भी रहेगी।’ ठाकरे ने दावा किया, ‘हिंदुत्त्व का रास्ता तो भाजपा को बाला साहेब ठाकरे ने दिखाया था।’

हालांकि देवेंद्र फडणवीस और उद्धव ठाकरे के बीच जुबानी जंग कोल्हापुर उत्तर विधानसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव के मद्देनजर हो रही थी। यह सीट कांग्रेस विधायक चंद्रकांत जाधव के निधन से खाली हुई है। कांग्रेस ने उनकी पत्नी जयश्री को उम्मीदवार बनाया है। शिवसेना ने उनके समर्थन का फैसला किया है। इसका कारण यह है कि शिवसेना

के नेतृत्त्व वाली सरकार में इस वक्त कांग्रेस भी शामिल है। वहीं भाजपा ने सत्यजीत कदम को टिकट दिया है। केंद्रीय मंत्री रावसाहेब पाटिल दानवे ने भी महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर निशाना साधते हुए कहा कि शिवसेना भगवान राम के नाम पर राजनीति कर रही है, भाजपा नहीं। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पर हमला करते हुए केंद्रीय मंत्री रावसाहेब पाटिल दानवे ने कहा कि शिवसेना ने अपना हिंदुत्व पेटेंट कांग्रेस और राकांपा को बेच दिया है। केंद्रीय मंत्री दानवे ने ये बातें उद्धव ठाकरे के उस बयान पर पलटवार करते हुए कहीं, जिसमें महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने कहा था कि भाजपा हिंदुत्व पर पेटेंट नहीं रखती है। रावसाहेब पाटिल दानवे ने कहा, ‘शिवसेना ने अपना हिंदुत्व पेटेंट कांग्रेस और राकांपा को बेच दिया है। भाजपा राम के नाम पर राजनीति नहीं कर रही है, बल्कि शिवसेना कर रही है।’ दरअसल, हिन्दुत्व एक ऐसा मुद्दा है जहां शिवसेना बचाव की मुद्रा में रहती है।
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