किसानों को लेकर हरियाणा में नयी जंग

किसानों को लेकर हरियाणा में नयी जंग

(अशोक त्रिपाठी-हिन्दुस्तान समाचार फीचर सेवा)

  • बेमौसम बारिश से फसलें हुईं बर्बाद
  • दिल्ली सरकार ने बांट दिया मुआवजा
  • हरियाणा सरकार ने घोषणा तक नहीं की

विवादास्पद कृषि कानूनों को केन्द्र सरकार ने वापस ले लिया तो भी विपक्षी दल किसानों के मुद्दे तलाशते रहते हैं। हरियाणा में पूर्व मुख्यमें त्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा को एक ऐसा ही मुद्दा मिल गया। भूपेन्द्र सिंह हुड्डा ने मनोहर लाल खट्टर सरकार को कठघरे में खड़ा किया है। श्री हुड्डा कहते हैं कि अपने को किसानों की हितैषी बताने वाली भाजपा की राज्य सरकार बेमौसम बारिश से हुई किसानों को ़क्षति का मुआवजा देने की घोषणा क्यों नहीं कर रही है। उन्होंने इस मामले में दिल्ली सरकार का उदाहरण भी दिया है। दिल्ली के मुख्यमें त्री अरविन्द केजरीवाल ने फसल खराब होने पर किसानों को मुआवजा देने की पहले घोषणा की, फिर मुआवजे का वितरण भी शुरू कर दिया। सरकार ने 20 हजार रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से मुआवजा दिया है। मुख्यमें त्री अरविन्द केजरीवाल ने स्वयं चेक बांटे हैं।
हरियाणा के पूर्व सीएम व नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने बेमौसमी बरसात के कारण खराब हुई फसलों के मुआवजे की मांग को लेकर केंद्र व प्रदेश सरकार पर निशाना साधा है। हुड्डा ने कहा कि हरियाणा सरकार किसानों को इतना नुकसान होने के बावजूद मुआवजे की घोषणा नहीं कर रही है और पिछले दो साल से किसानों को कोई मुआवजा भी नहीं दिया जा रहा। वहीं, दिल्ली सरकार की सराहना करते हुए हुड्डा ने कहा कि दिल्ली सरकार ने तो किसानों के बिना मांगे ही खराब फसल का 10 हजार रूपए प्रति एकड़ मुआवजा दे दिया है।
पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा अपने पिता स्व. चैधरी रणबीर सिंह की पुण्यतिथि पर रोहतक आईएमटी चैक पर आयोजित श्रद्धांजलि सभा में शिरकत करने के लिए पहुंचे थे। हुड्डा ने सीएमआईई की रिपोर्ट को लेकर भी भाजपा पर दोहरा चरित्र अपनाने का आरोप लगा दिया। दरअसल पिछले कई दिनों से बेमौसमी बरसात के चलते किसानों की गेहूं की फसल खराब हो गई है और ऐसे में किसान हरियाणा सरकार से मुआवजे की मांग कर रहे हैं। इसी मुद्दे को लेकर पूर्व मुख्यमें त्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा दिल्ली सरकार की सराहना करते नजर आए। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार ने तो बिना मांगे ही किसानों के लिए खराब फसल का 10 हजार रूपए प्रति एकड़ मुआवजा दे दिया। लेकिन हरियाणा सरकार तो पिछले 2 साल के मुआवजे को भी दबाए बैठी है। इसकी वजह से किसानों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
हुड्डा ने कहा कि सरकार को चाहिए कि तुरंत हरियाणा में किसानों का बकाया मुआवजा तो दिया ही जाए, साथ ही अभी खराब हुई गेहूं की फसल के लिए तुरंत मुआवजे की घोषणा भी करे। वहीं सीएमआईई की रिपोर्ट को लेकर भी पूर्व मुख्यमें त्री भूपेंद्र हुड्डा ने भारतीय जनता पार्टी को कठघरे में खड़ा कर दिया और भाजपा पर दोहरा चरित्र अपनाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि जिस सीएमआईई की रिपोर्ट को हाथों में लेकर उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी लोगों से वोट मांग रही है, उसी सीएमआईई की रिपोर्ट को लेकर प्रदेश के मुख्यमें त्री मनोहर लाल खट्टर सवाल उठा रहे हैं। यह सिर्फ अपनी कमी को छिपाने के लिए किया जा रहा है, क्योंकि भाजपा के शासनकाल के दौरान प्रदेश में बेरोजगारी, भ्रष्टाचार और अपराध ही बढ़ा है। उन्होंने कहा कि 75 फीसदी युवाओं को प्राइवेट कंपनियों में नौकरी देने का बिल पास किया है, जो युवाओं के साथ धोखा है क्योंकि इस कानून का हरियाणा के युवाओं को फायदा मिलने वाला नहीं है।
दिल्ली सरकार ने घोषणा की थी कि बेमौसम बारिश के कारण खराब हुईं फसलों पर 20 हजार रुपये प्रति एकड़ सरकार मुआवजा देगी। मुख्यमें त्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में हुई कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव को में जूरी दे दी गई। इसके साथ ही कैबिनेट ने फसलों के नुकसान के आकलन के अनुसार किसानों को अनुग्रह राशि का भुगतान करने की दरों को भी में जूरी दे दी है। इसके तहत दिल्ली में अनुमानित 29 हजार एकड़ के कृषि क्षेत्र पर लगभग 53 करोड़ रुपये खर्च किए गये। दिल्ली में सितंबर-अक्टूबर 2021 के आसपास के लगातार बारिश हुई थी। इससे खेतों में जलभराव हो गया था और नालों के ओवर फ्लो होने के कारण किसानों की फसलों को भारी नुकसान हुआ। मामला प्रकाश में आने पर मुख्यमें त्री केजरीवाल ने उस समय बारिश के चलते फसल को हुए नुकसान पर किसानों को राहत पैकेज देने का भरोसा दिया था। उस समय मुख्यमें त्री के निर्देश पर फसलों को हुए नुकसान का जायजा लेने के लिए टीमों को स्थलीय निरीक्षण के लिए भेजा गया। साथ ही उन्होंने टीमों को किसानों की जरूरतों को समझने और सभी को न्याय दिलाने का आश्वासन देने के लिए स्पष्ट आदेश दिए थे।यदि नुकसान का आकलन 70 प्रतिशत या उससे कम होता है, तो मुआवजे का भुगतान 70 प्रतिशत की दर से किया जाएगा। वहीं अगर फसलों का नुकसान 70 प्रतिशत से अधिक है, तो 100 प्रतिशत की दर से मुआवजे का भुगतान किया जाएगा। सीएम अरविंद केजरीवाल ने पूर्व में भी मुआवजे की घोषणा की थी। दिल्ली सरकार ने कहा है कि सीएम अरविंद केजरीवाल हमेशा ही किसानों के हक के लिए उनके साथ खड़े रहे हैं।उन्होंने पूर्व में भी मुआवजे की घोषणा की थी।जब से दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार बनी है, तब से दिल्ली सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि किसान खुद को असहाय महसूस न करें और हर बार फसलों को नुकसान होने पर मुआवजा दिया है। सरकार के अनुसार जब कभी फसल खराब होती है, तो दिल्ली सरकार पूरे देश में सबसे ज्यादा मुआवजा देती है। दिल्ली के मुख्यमें त्री अरविंद केजरीवाल ने गत दिनों दिल्ली सचिवालय में उन किसानों को मुआवजा देने की शुरुआत की, जिनकी फसल पिछले वर्ष अक्टूबर में बेमौसम बारिश से बर्बाद हो गई थी। इस मौके पर उन्होंने यह घोषणा भी की है कि जिन किसानों की सरसों की फसल जनवरी में खराब हुई है, उन्हें भी मुआवजा दिया जाएगा। इसके लिए सर्वे कराने का निर्देश दे दिया गया है। कार्यक्रम में राजस्व मंत्री  कैलाश गहलोत और मुख्य सचिव विजय देव भी मौजूद थे।किसानों को चेक वितरित किए जाने के कार्यक्रम के दौरान मुख्यमें त्री ने कहा कि 2013 में ओलावृष्टि से किसानों की बर्बाद हुई फसल के बारे में जब तत्कालीन मुख्यमें त्री शीला दीक्षित से पत्रकार ने मुआवजे को लेकर सवाल किया तो उन्होंने कहा कि क्या दिल्ली में खेती भी होती है। उन्होंने कहा कि इससे यह समझा जा सकता है कि दिल्ली की शासन व्यवस्था से पहले किसान किस तरह गायब था। कोई भी देश या राज्य तब तक समृद्ध नहीं हो सकता, जब तक वहां के किसान संपन्न नहीं होंगे। इसलिए दिल्ली सरकार ने मुआवजा तय करने के लिए एक आसान फार्मूला अपनाया है। इसी को उदाहरण मानकर हरियाणा के पूर्व सीएम ने मनोहर लाल खट्टर की सरकार को कठघरे में खड़ज्ञ किया है। (हिफी)
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