योगी पर भाजपा का कैम्पेन सांग

योगी पर भाजपा का कैम्पेन सांग

(डॉ दिलीप अग्निहोत्री-हिन्दुस्तान समाचार फीचर सेवा)
प्रधानमें त्री नरेंद्र मोदी ने यूपी के लिए योगी को बहुत उपयोगी बताया था। अब भाजपा ने इसी बोल पर आधारित गीत को लॉन्च किया है। यह संयोग था कि उसी समय योगी आदित्यनाथ ने सरकार के पांच वर्ष का रिपोर्ट कार्ड जारी किया। योगी आदित्यनाथ ने भाजपा द्वारा लॉन्च गीत पर स्वयं कुछ नहीं कहा लेकिन उनका रिपोर्टकार्ड गाने के बोल को सार्थक करने वाला है।
योगी अदित्यनाथ ने कहा कि पांच वर्ष के दौरान उत्तर प्रदेश में अभूतपूर्व विकास हुआ है। इस अवधि में यूपी ने देश के छठवीं नम्बर की अर्थव्यवस्था से आज दूसरे नम्बर की यात्रा तय की है। अब अगले पांच साल में उत्तर प्रदेश को सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला राज्य बनाने के साथ-साथ देश में विकास के हर मानक पर नम्बर एक बनाने के लक्ष्य के साथ काम होगा। गोरखपुर में नामांकन की पूर्व संध्या पर योगी आदित्यनाथ ने पांच वर्षों का रिपोर्ट कार्ड जारी किया। इस प्रकार योगी ने रिपोर्ट कार्ड जारी रखने की अपनी परम्परा को कायम रखा। सरकार के सौ दिन,छह माह,एक वर्ष,दो वर्ष,तीन वर्ष,चार वर्ष फिर साढ़े चार वर्ष पूरे होने पर रिपोर्ट कार्ड प्रस्तुत किया था। रिपोर्ट कार्ड प्रदेश की जनता के समक्ष प्रस्तुत किया गया। इसमें सत्ता पक्ष का चुनावी में सूबा परिलक्षित है। मतदाताओं के सामने भी स्थिति बहुत स्पष्ट है। इसके पहले बसपा और सपा को पूर्ण बहुमत से सरकार चलाने का अवसर मिला। इस प्रकार तीनों सरकारों की उपलब्धियों का तुलनात्मक आकलन करना आसान है। पांच वर्षों में विकास के अनेक कीर्तिमान स्थापित हुए है। पांच वर्ष पहले तक उत्तर प्रदेश की राजनीति सपा और बसपा में सिमटी थी। एक पार्टी से मतदाता नाराज हुए तो दूसरी पार्टी को ले आये। उससे नाराज हुए तो फिर बदलाव कर दिया। सरकारें बदलती थी। व्यवस्था में बदलाव नहीं होता था। मतलब जन आकांक्षा पूरी नही होती थी। फिर भी विकल्प हीनता की स्थिति थी। साढ़े चार वर्ष पहले मतदाताओं ने विकल्प के रूप में भाजपा को मौका दिया। मुख्यमें त्री योगी आदित्यनाथ जानते थे कि केवल सरकार का बदलना पर्याप्त नहीं है। इसलिए उन्होंने सबसे पहले व्यवस्था में बदलाव व सुधार किया। निवेश व विकास के अनुकूल माहौल बनाया गया। इसके सकारात्मक परिणाम मिलने लगे है। बयालीस विकास योजनाओं में उत्तर प्रदेश नम्बर वन पर है। कई योजनाओं में योगी सरकार की उपलब्धि सत्तर वर्षों पर भारी है। उपलब्धियों के नाम पर सरकार के लिए गिनवाने के लिए बहुत कुछ है। इस आधार पर पिछली सरकारें इसकी बराबरी नहीं कर सकती।
पांच वर्ष पहले यूपी बीमारू प्रदेश माना जाता था। निवेशकों की उत्तर प्रदेश में कोई दिलचस्पी नहीं थी। योगी के प्रयासों से निवेश का सर्वाधिक आकर्षक प्रदेश बन गया है। पांच वर्ष पहले बेरोजगारी दर सत्रह प्रतिशत थी। अब चार प्रतिशत है। योगी के कोरोना आपदा प्रबंधन की सराहना विश्व स्वास्थ्य संगठन व नीति आयोग ने की है। पहले उत्तर प्रदेश साम्प्रदायिक दंगों की चपेट में था। पांच वर्ष में प्रदेश दंगों से मुक्त रहा। अपराधियों माफिया के विरुद्ध जीरो टॉलरेंस की नीति पर अमल किया गया। हजारों करोड़ रुपये की अवैध सम्पत्ति जब्त की गई। रिपोर्ट कार्ड जारी करते समय योगी आदित्यनाथ आंकड़ों व तथ्यों के साथ तैयार थे।
पिछली सपा व बसपा की सरकारों के मुकाबले का उनमें जज्बा दिखाई दिया। अपनी उपलब्धियां गिनाने के दौरान स्वाभाविक रूप से पिछली सरकारें निशाने पर आ गई क्योंकि आज ये पार्टियां विपक्ष में है। सत्तापक्ष का आरोप रहा है कि ये पार्टियां केवल ट्विटर पर सक्रिय है। इनके पास मुद्दों का नितांत अभाव है। इसीलिए वह नकारात्मक राजनीति कर रहे है। इन्वेस्टर्स समिट पहले भी होती थी, लेकिन उद्योगपति निवेश को उत्सुक नहीं थे। एक एक्सप्रेस वे बना कर अपनी खूब वाहवाही कर ली, अब पांच एक्सप्रेस वे पर काम चल रहा है। प्रदेश को देश की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाले राज्य के रूप में आगे बढ़ने का रास्ता प्रशस्त हुआ है। यह समर्थ और सक्षम राज्य की ओर बढ़ाने का कालखंड रहा है। उद्योगों के लिए माहौल बनाया गया। जहां कोई आना नहीं चाहता था अब वहां लोग निवेश कर रहे हैं। आज यहां सकारात्मक माहौल है। निवेश के लिए अनुकूल वातावरण तैयार किया गया है। इसी का परिणाम है कि यूपी में प्रतिव्यक्ति आय दोगुनी से अधिक पहुंच गई है। नए भारत के नए यूपी के रूप में उभारने में सफलता प्राप्त की है। चार साल पहले किसान सरकारों की प्राथमिकता से बाहर था लेकिन आज वह राजनीति के एजेंडे में शामिल है। किसानों के उत्थान के लिए उनकी आय में दोगुना वृद्धि के लिए लगातार कार्य किए गए हैं। सरकार ने अब तक तीन लाख करोड़ से अधिक का निवेश हासिल करने में सफलता पाई है। सरकार ने दो करोड़ इकसठ लाख शौचालय बनाकर तैयार किए जिसका लाभ दस करोड़ लोगों को मिला है। जिला मुख्यालयों में दस घंटे बिजली और तहसील मुख्यालय पर बाइस घंटे बिजली की सुविधा दी जा रही है, वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में अठारह घंटे बिजली पहुंचाने का काम सरकार कर रही है।
केंद्र सरकार ने इस दौरान अभूतपूर्व व ऐतिहासिक निर्णय लिए है, जिनके पर अन्य कोई पार्टी कभी कल्पना तक नहीं कर सकती थी। अयोध्या जन्मभूमि पर श्री राम में दिर का निर्मांण अनुच्छेद तीन सौ सत्तर, तीन तलाक की समाप्ति नागरिकता संशोधन कांनून, कृषि कानून आत्मनिर्भर भारत अभियान, कोरोना संकट में प्रभावी आपदा प्रबंधन, किसान सम्मान निधि, अस्सी करोड़ गरीबों को छह माह तक राशन, भरण पोषण भत्ता, करोड़ों निर्धन आवास, शौचालय आदि अनेक अभूतपूर्व उपलब्धियां सत्ता पार्टी को उत्साहित करने वाली है। इस आधार पर भी योगी सपा बसपा सरकारों के सभी कार्यकालों को चुनौती देने को तैयार है। किसान व गरीब कल्याण,लाखों करोड़ का निवेश अवस्थापना सुविधाओं का विस्तार आदि सभी क्षेत्रों में पिछली सरकारों के रिकार्ड को बहुत पीछे छोड़ दिया है जबकि पिछले करीब दो वर्ष वैश्विक महामारी कोरोना में व्यतीत हुआ। इसके बाद भी योगी आदित्यनाथ ने विकास की गति कम नहीं होने दी। प्रधानमें त्री की प्रेरणा से उत्तर प्रदेश को वन ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था बनाने की कार्ययोजना पर अमल चल रहा है। राज्य सरकार की कार्यपद्धति में बदलाव से आय बढ़ी है। मुख्यमें त्रियों की लोकप्रियता सूची में योगी आदित्यनाथ नम्बर वन है। उन्हें सर्वश्रेष्ठ मुख्यमें त्री माना गया है। कोरोना काल में उनके आपदा प्रबंधन की दुनिया में चर्चा हुई। विकसित देश भी योगी मॉडल से प्रभावित हुए थे। पांच वर्ष पहले यह ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में देश में चैदहवें स्थान पर था। व्यापार का वातावरण बनाया गया। इससे प्रदेश ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में देश में दूसरे स्थान पर आ गया है। प्रदेश में तेजी के साथ निजी निवेश हो रहा है। निजी क्षेत्र में अब तक तीन लाख करोड़ रुपए से अधिक का निवेश हुआ है। इसके माध्यम से पैंतीस लाख युवाओं को रोजगार व नौकरी के साथ जोड़ा गया है। जीएसटी के तहत उनचास हजार करोड़ का राजस्व प्राप्त होता था,जो अब बढ़कर एक लाख करोड़ रुपए हो गया है। आबकारी में पहले करीब बारह हजार करोड़ रुपए राजस्व मिलता था,अब छत्तीस हजार करोड़ रुपए मिल रहा है। स्टाम्प एवं निबंधन में नौ से दस हजार करोड़ रुपए मिलता था,जो अब पच्चीस हजार करोड़ मिलता है। में डी शुल्क में छह से आठ सौ करोड़ रुपए मिलता था, अब दो हजार करोड़ रुपए प्राप्त होता है। (हिफी)
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