नववर्ष

नववर्ष

समय
कभी ठहरता नही
उडता है
पंख लगाकर
गली कूंचो
खेत खलिहानों
वन उपवन
से गुजरता हुआ
छोडता अपने
अमिट निशान
अलग अलग 
रंग और रुप में।

जीवन
नाम है
किसी के काम आने का
सुख दुःख
साथ साथ बिताने का
खट्टे मीठे अनुभवों से
कुछ सीख लेकर
पथ पर
बढते जाने का।

जीवन पथ पर
राही बन
मिलते हैं अनेक
मगर
कुछ चलते
पग दो पग,
कुछ
अगले मुकाम तक
और 
आज के युग में तो
अनेक मिलते
अपने स्वार्थ सिद्धि तक
साथ निभाने को।

परन्तु
जीवन पथ पर
जीवन भर
निःस्वार्थ भाव
साथ चलने का संकल्प
निभाते
तुम्हारे साथ बिताये पल
धरोहर है।

हां
बस यही 
नववर्ष संकल्प है
कि नववर्ष में भी
निस्वार्थ भाव
मानवता हित
आगे बढ़ता रहूं।

अ कीर्ति वर्द्धन
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