अंतरराष्ट्रीय संस्था हिंदी साहित्य भारती मुजफ्फरनगर इकाई की मासिक गोष्ठी संपन्न

अंतरराष्ट्रीय संस्था हिंदी साहित्य भारती मुजफ्फरनगर इकाई की मासिक गोष्ठी संपन्न

अंतरराष्ट्रीय संस्था हिंदी साहित्य भारती मुजफ्फरनगर इकाई की मासिक गोष्ठी दिनांक 16 /01/ 2021 को वरिष्ठ साहित्यकार डॉ अ कीर्तिवर्धन जी की अध्यक्षता में तरंग माध्यम से संपन्न हुई। कार्यक्रम का शुभारंभ घंटी वादन के साथ ध्येय गीत द्वारा हुआ। मां सरस्वती की वंदना कर कवयित्री सुमन प्रभा ने कार्यक्रम को गति प्रदान की। दो सत्रों में विभाजित इस गोष्ठी के प्रथम चरण में गद्य के अंतर्गत सुमन युगल द्वारा" वह तुम ना थी "शीर्षक और इंदु राठी द्वारा "संस्कारों की तिजोरी" शीर्षक लघु कथाओं का वाचन किया गया । पद्य श्रंखला में पंकज शर्मा जी ने बहुत मधुर गीत प्रस्तुत किया" चलो एक बार हों फिर से तुम्हारे प्यार की बातें" एक युवा सदस्या गीत दीक्षित ने बेटियों के ऊपर रचना प्रस्तुत की"अब किसी मां की आंख नम ना हो, बेटियों पर कोई सितम ना हो" संस्था के उपाध्यक्ष श्री राम कुमार रागी जी ने बहुत खूबसूरत गीत गाया "बुझा दो जन्मों की प्यास, लौटकर अब तो आजा ",सुनीता सोलंकी द्वारा" बदलते रिश्ते दिखते नहीं मगर महसूस होते हैं" कविता प्रस्तुत की गई ,जितेंद्र जी द्वारा छन्द बद्ध रचना की प्रस्तुति की गई जो बहुत ही प्रभावशाली थी " ", प्रतिभा त्रिपाठी जी ने एक बहुत ही सरस गजल प्रस्तुत की "काव्य रस छंद की अल्पना हो गई मैं कवि की सहज कल्पना हो गई", डॉ रश्मि 'विनायक' ने काव्य की पुरातन आंचलिक विधा लोरी प्रस्तुत की चांदी का पालना।द्वितीय सत्र के प्रारंभ में अध्यक्षा डॉ रश्मि विनायक ने संस्था के संविधान, कार्यशैली और भविष्य की योजनाओं से अवगत कराया। इस कार्यक्रम में "हिंदी के परिप्रेक्ष्य में युवा वर्ग के लिए विश्व पटल पर संभावनाएं" शीर्षक पर मुख्य अतिथि डॉक्टर एस एन चौहान जी( डायरेक्टर एस डी इंजी कॉ) एवं मुख्य अतिथि डॉ कंचन प्रभा शुक्ला जी(प्रधानाचार्य जैन क इं कॉ) द्वारा वक्तव्य प्रस्तुत किए गए। डॉ एस एन चौहान जी ने वैश्विक विश्वविद्यालयों के परिप्रेक्ष्य में पाठ्यक्रम के अंतर्गत हिंदी की स्थिति बताते हुए संवैधानिक स्तर पर हिंदी को राष्ट्रभाषा घोषित किए जाने पर ही विश्व में इसकी गरिमा बढ़ेगी इस बात पर बल दिया ,वहीं डॉ कंचन प्रभा जी ने व्यक्तिगत प्रयासों से हिंदी को व्यवहार में लाने ,स्वयं अपने बच्चों को हिंदी सिखाने, बोलने आदी के द्वारा हिंदी के विकास,विस्तार जैसे वक्तव्य दिए विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ साहित्यकार श्री शरद बाजपेई द्वारा एक लघु कथा " "और कविता प्रस्तुत की गई कार्यक्रम में श्री संदीप शर्मा जी( राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ बीजेपी कार्यकर्ता) मुख्य श्रोता अतिथि के रूप में और डा अजय पाल(एच ओ डी इतिहास विभाग एस डी डिग्री कॉ) उपस्थित रहे ।डॉ कीर्ति वर्धन जी ने अध्यक्षीय संबोधन के अंतर्गत हिंदी की समस्त बोलियों को हिंदी की समृद्धि बताया साथ ही एक मनमोहक कविता की प्रस्तुति भी दी।गोष्ठी का संचालन संस्था की महामंत्री प्रतिभा त्रिपाठी द्वारा किया गया गोष्ठी का समापन कल्याणऔर स्वस्ति मंत्रोच्चारण द्वारा किया गया।
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