सुखमय सब का संसार करो

सुखमय सब का संसार करो

अब जन-जन का उपकार करो, 
गद्दारों का संहार करो।  
हैं कोटि- कोटि जन तेरे संग
अब तो ब्रह्मास्त्र प्रहार करो।
      
अब मत अमरत्व प्रदान करो।
 सुखमय सब का संसार करो।।
     
 विश्वास भरोसा है तुम पर, 
दे दो चुनौती दो- चार करो।
अब व्यर्थ भार ढोना इसका 
सीधे जड़ पर झट मार करो।
        
अब मत अमरत्व प्रदान करो।
सुखमय सब का संसार करो।।

भूलो मत शाश्वत का अस्तित्व,
सनातन का है प्रमाण भारत।
हे राष्ट्रनायक तू कर्णधार,
लक्ष्य तू "विवेक"  साकार करो।
     
अब मत अमरत्व प्रदान करो।
 सुखमय सब का संसार करो।।

सत्य अहिंसा से आलोकित,
कर दो मानव  का जीवन।                                              
निरस्त करने को दानवता, 
तांडव छेड़ो या चक्र धरो।।

उस पर प्रयोग ब्रह्मास्त्र करो,                                  
सुखमय सबका संसार करो।।

        डॉ.विवेकानंद मिश्र
डॉक्टर विवेकानंद पथ, गोल बगीचा गया बिहार
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