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हरीश रावत का नया सियासी चेहरा

हरीश रावत का नया सियासी चेहरा

(अशोक त्रिपाठी-हिन्दुस्तान समाचार फीचर सेवा)

उत्तराखण्ड में पूर्व मुख्यमंत्री और कांगेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत मनमर्जी न होने से परेशान हैं। राज्य में एक महीने बाद ही विधानसभा चुनाव होने हैं और कांग्रेस चाहती है कि मुख्यमंत्री का कोई चेहरा सामने न रखकर पार्टी के नाम पर चुनाव कराया जाए। हरीश रावत इसके पक्ष में नहीं हैं और उनके समर्थकों ने जिस तरह का अभियान पूर्व में चलाया था, उससे लगता है कि हरीश रावत अपने चेहरे को सामने रखना चाहते हैं। प्रदेश कांग्रेस में कुछ और समस्याएं भी हो सकती हैं लेकिन हरदा के इन दिनों जिस तरह से ट्वीट आ रहे हैं, उससे कांग्रेस आला कमान अपने को असहज महसूस करने लगा है। हरीश रावत कहते हैं- सत्ता ने वहां कई मगरमच्छ छोड़ रखे हैं, जिनके आदेश पर तैरना है। उनके नुमाइंदे मेरे हाथ-पांव बांध रहे हैं। मन में बहुत बार विचार आ रहा है हरीश रावत अब बहुत हो गया, बहुत तैर लिये, अब विश्राम का समय है। इसके बाद हरीश रावत एक और ट्वीट करते हैं, फिर चुपके से मन के एक कोने से आवाज उठ रही है न दैन्यं न पलायनम्। बड़ी ऊहापोह की स्थिति में हूं। नया वर्ष शायद रास्ता दिखा दे। मुझे विश्वास है कि भगवान केदारनाथ जी इस स्थिति मे मेरा मार्ग दर्शन कर सकेंगे। इस प्रकार हरीश रावत एक तरह से अपनी पार्टी के नेतृत्व से ही परेशान है। लेकिन हाईकमान इसे घातक नाटक समझ रहा। इसीलिए पार्टी प्रवक्ता मनीष तिवारी याद दिलाते हैं- पहले असम, फिर पंजाब, अब उत्तराखण्ड भोग पूरा ही पाउण गे, कसर न रह जाए कोई ध्यान रहे कि हरीश रावत पंजाब, असम के प्रभारी रह चुके हैं और अब उत्तराखण्ड का प्रभार संभाले हैं। हरीश के इस व्यवहार पर भाजपा भी तंज कस रही है।

कांग्रेस नेता और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट किया था। इस पोस्ट के माध्यम से उन्होंने उत्तराखंड में फ्री हैंड न मिलने और संगठन के लोगों से सहयोग न मिलने पर नाराजगी जाहिर की थी। इस पर कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने हरीश रावत पर निशाना साधा है। उन्होंने ट्वीट किया है, पहले असम, फिर पंजाब, अब उत्तराखंड... भोग पूरा ही पाउण गे, कसर न रह जावे कोई। बता दें कि तिवारी पहले भी पंजाब कांग्रेस प्रधान नवजोत सिद्धू से लेकर कांग्रेस हाईकमान के नए नेताओं पर निशाने साधते रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत न इसके बाद फिर ट्विटर पर लिखा था, है न अजीब सी बात, चुनाव रूपी समुद्र को तैरना है, सहयोग के लिए संगठन का ढांचा अधिकांश स्थानों पर सहयोग का हाथ आगे बढ़ाने के बजाय या तो मुंह फेर करके खड़ा हो जा रहा है या नकारात्मक भूमिका निभा रहा है। जिस समुद्र में तैरना है, सत्ता ने वहां कई मगरमच्छ छोड़ रखे हैं जिनके आदेश पर तैरना है, उनके नुमाइंदे मेरे हाथ-पांव बांध रहे हैं। मन में बहुत बार विचार आ रहा है कि हरीश रावत अब बहुत हो गया, बहुत तैर लिये, अब विश्राम का समय है! इसके बाद से कांग्रेस नेता ने मनीष तिवारी ने निशाना साधा है। वहीं हरीश रावत ने सोशल मीडिया के माध्यम से बदलावों के संकेत दिए थे। उन्होंने ट्विटर पर लिखा था। नया वर्ष शायद रास्ता दिखा दे। मुझे विश्वास है कि भगवान केदारनाथ जी इस स्थिति में मेरा मार्गदर्शन करेंगे।

कांग्रेस नेता और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सोशल मीडिया पर अपनी भड़ास निकाली है। उन्होंने उत्तराखंड में फ्री हैंड न मिलने और संगठन के लोगों से सहयोग न मिलने पर नाराजगी जाहिर की है। उत्तराखंड में विधान सभा चुनाव होने में अब दो महीने ही रह गए हैं। ऐसे में सीएम का चेहरा बनाने पर अभी तक फैसला नहीं लेने पर भी चिंता जताई है। ट्विटर पर एक लंबे पोस्ट में रावत ने लिखा, है न अजीब सी बात, चुनाव रूपी समुद्र को तैरना है, सहयोग के लिए संगठन का ढांचा अधिकांश स्थानों पर सहयोग का हाथ आगे बढ़ाने के बजाय या तो मुंह फेर करके खड़ा हो जा रहा है या नकारात्मक भूमिका निभा रहा है। जिस समुद्र में तैरना है, सत्ता ने वहां कई मगरमच्छ छोड़ रखे हैं जिनके आदेश पर तैरना है, उनके नुमाइंदे मेरे हाथ-पांव बांध रहे हैं। मन में बहुत बार विचार आ रहा है कि हरीश रावत अब बहुत हो गया, बहुत तैर लिये, अब विश्राम का समय है! अगले ट्वीट में रावत ने लिखा है, फिर चुपके से मन के एक कोने से आवाज उठ रही है न दैन्यं न पलायनम् बड़ी उहापोह की स्थिति में हूं, नया वर्ष शायद रास्ता दिखा दे। मुझे विश्वास है कि भगवान केदारनाथ जी इस स्थिति में मेरा मार्गदर्शन करेंगे। हरीश रावत के ट्विटर पोस्ट से ऐसा प्रतीत होता है कि वो कांग्रेस आलाकमान यानी गांधी परिवार से नाराज हैं। बता दें कि हरीश रावत कुछ वक्त पहले तक पंजाब में कांग्रेस प्रभारी के तौर पर काम कर रहे थे।

कांग्रेस नेता हरीश रावत के अपनी पार्टी के नेतृत्व और संगठन पर निशाना साधने वाले ट्वीट पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा नेता और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने तंज कसा है। रावत ने कहा कि ष्वह चुनाव नहीं छोड़ेंगे, क्योंकि वह उनकी प्राथमिकता है, लेकिन उन्हें अब थोड़ा आराम करना चाहिए। तीरथ सिंह रावत ने कहा, हरीश रावत आराम नहीं करेंगे। मुझे लगता है कि वह पार्टी में अपना दबदबा सुनिश्चित करने के लिए ऐसा कर रहे हैं। वह चुनाव से मुंह नहीं मोड़ेंगे क्योंकि चुनाव उनकी प्राथमिकता है। उन्होंने कहा, जिस तरह से वह अपना दर्द व्यक्त कर रहे हैं, उसे देखते हुए मुझे लगता है कि उन्हें थोड़ा आराम करना चाहिए। कांग्रेस नेता द्वारा की गई टिप्पणी को खारिज करते हुए उन्होंने कहा, यह आराम करने का समय है, भाजपा नेता ने कहा, वह दबाव की राजनीति करने के लिए जाने जाते हैं। कोई नहीं जानता कि वह क्या कहते हैं और क्या करते हैं। लोग उनके अतीत को जानते हैं।

भाजपा नेता ने कहा, वह कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हैं। मुझे लगता है कि उन्होंने आज जो कहा वह पार्टी के प्रति उनके दर्द को दर्शाता है। मुझे उम्मीद है कि वह आज व्यक्त की गई भावनाओं पर खरे उतरेंगे। तीरथ सिंह रावत ने हरीश रावत की आलोचना की है। हरीश रावत पंजाब कांग्रेस के प्रभारी भी थे। राज्य में अंदरूनी कलह के बाद कांग्रेस के दिग्गज नेता कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पार्टी छोड़ दी थी। तीरथ सिंह रावत ने कहा, हाल ही में वह पंजाब में थे। वहां क्या हुआ, हम जानते हैं। कांग्रेस टुकड़ों में बंट गई और कप्तान ने पार्टी छोड़ दी। मुझे लगता है कि उन्होंने उस स्थिति से ही कुछ सीखा होगा। इसके साथ ही पार्टी की उत्तराखंड इकाई में अंदरूनी कलह पर कांग्रेस की आलोचना करते हुए तीरथ सिंह रावत ने कहा कि इस स्थिति में भाजपा के लिए चुनाव में जाना आसान होगा। कांग्रेस हमेशा बिखरी हुई है, जिनके परिवार में इतनी फूट है, आपस में इतनी लड़ाई है, वे बाहर जाकर चुनाव कैसे लड़ेंगे। मुझे नहीं लगता कि कांग्रेस के लिए इस तरह चुनाव लड़ना आसान होगा। निश्चित तौर पर इससे भारतीय जनता पार्टी को फायदा होगा। तीरथ सिंह रावत की टिप्पणी पर गर्व करना चाहिए। उनका बीत रात भी ढोंग नजर आ रहा है। (हिफी)
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