सिद्धू की यह कैसी वफादारी!
(अशोक त्रिपाठी-हिन्दुस्तान समाचार फीचर सेवा)
अभी चार दिन पहले की बात है कि जब पंजाब के प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिद्धू ने कहा था कि मैं मरते दम तक राहुल गांधी, प्रियंका गांधी के प्रति वफादार रहूंगा। नवजोत सिद्धू की यह कैसी वफादारी है जो पंजाब में अच्छी भली कांग्रेस को बरबाद कर रहे हैं। अभी हाल मंे उन्हांेने अपने ही मुख्यमंत्री के प्रति फिर से मोर्चा खोल दिया है। नवजोत सिद्धू के चलते ही कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कांग्रेस छोड़ दी और वे भाजपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ सकते हैं। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने ही 2017 मंे कांग्रेस की लाज बचाई थी जब उत्तराखण्ड कांग्रेस से छीन लिया गया और उत्तर प्रदेश मंे भी अमेठी से राहुल गांधी हार गये थे। कैप्टन अमरिंदर ने पंजाब मंे कांग्रेस की सरकार बनायी। इतना ही नहीं 2019 मंे भी सबसे ज्यादा सांसद पंजाब ने दिये। अब कैप्टन कांग्रेस के साथ नहीं हैं तो दलित नेता चरण जीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री बनाकर कांग्रेस ने अच्छी संभावनाएं पैदा की थीं लेकिन नवजोत सिद्धू ने सीएम चन्नी के खिलाफ मोर्चा खोले हैं। सिद्धू का पाकिस्तान प्रेम तो कांग्रेस के ताबूत में आखिरी कील साबित हो सकता है।
पंजाब मंे कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू का रवैया बदलने का नाम नहीं ले रहा है। कैप्टन के खिलाफ बगावत दिखाने के बाद अब सिद्धू ने सीएम चरणजीत सिंह चन्नी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा है कि यदि उनकी सरकार ने ड्रग्स और गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी मामले में रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की तो वह भूख हड़ताल पर बैठ जाएंगे। पंजाब कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा, ‘नशे की वजह से लाखों नौजवान बर्बाद हो गए हैं। लाखों लोग राज्य छोड़कर चले गए हैं। ऐसे में नशे की रिपोर्ट को सार्वजनिक करना अहम है।’ सिद्धू ने कहा कि जब राज्य के खजाने में पैसा है नहीं तो कहां से बड़ा अस्पताल और लड़कियों के लिए कॉलेज बनेगा। मैं सिर्फ पार्टी प्रधान हूं प्रशासनिक ताकत मेरे पास नहीं है, मैंने सीएम चन्नी से भी कह दिया है कि अगर जल्द बेअदबी जांच की रिपोर्ट सार्वजानिक न हुई तो इस्तीफा दे दूंगा। इतना ही नहीं सिद्धू अपने संबोधन में सीएम चन्नी को अलग ही तरह से धमकी देते हुए नजर आए। उन्होंने कहा, ‘पंजाब में अभी भी रेत महंगी मिल रही है। वह इसे सस्ता करवाकर दम लेंगे और ऐसा न हुआ तो इस्तीफा दे देंगे।’ नवजोत सिंह सिद्धू का अपनी ही पार्टी की सरकार से उलझना नया नहीं है। कैप्टन अमरिंदर सिंह से लंबे समय तक उनकी तनातनी चली और अंत में अमरिंदर ने पार्टी छोड़ दी। अमरिंदर के बाद सीएम बनाए गए चन्नी से भी सिद्धू की नहीं बन रही है।
सबसे बड़ी मुसीबत तो सिद्धू का पाकिस्तान प्रेम है। पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने इमरान को ‘बड़ा भाई’ कहकर एक बार फिर पार्टी को मुश्किल में डाल दिया है। हालांकि, कांग्रेस का कहना है कि उनके इस बयान से पार्टी को कोई नुकसान नहीं होगा। पार्टी के वरिष्ठ नेता राशिद अल्वी ने सलाह दी है कि सिद्धू को सोच समझकर बोलना चाहिए। गत 19 नवम्बर को करतारपुर कॉरिडोर के जरिए पाकिस्तान में करतारपुर साहिब गुरुद्वारा पहुंचे सिद्धू ने पाक प्रधानमंत्री इमरान खान को कथित रूप से ‘बड़ा भाई’ बताया था। इमरान खान को बड़ा भाई बताने के मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस और राहुल गांधी पर भी निशाना साधा है। सिद्धू के इस तरह के बयानों से देश को भी नुकसान होगा। सवाल विपक्ष का नहीं है इमरान खान ना हमारा भाई है और ना ही हमारा दोस्त है। और जो लोग दोस्त और दुश्मन में तमीज नहीं कर सकते हैं उनके भविष्य पर हमेशा सवालिया निशान लगा रहता है। पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने अपनी वफादारी साबित की है।
लुधियाना में एक जनसभा को संबोधित करते हुए सिद्धू ने कहा, “3 महीने में जो काम हुआ है, वह पिछले 4.5 साल में नहीं हुआ था। मैं मरते दम तक राहुल गांधी, प्रियंका गांधी के प्रति वफादार रहूंगा। यूपी में, प्रियंका गांधी ने 2022 के चुनावों में महिलाओं के लिए 40 फीसद आरक्षण की घोषणा की है। मैं कहूंगा कि हमारे पंजाब मॉडल में 50 फीसद कोटा दिया जाना चाहिए।” किसानों को दी जाने वाली सब्सिडी को लेकर सिद्धू ने आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, “हम किसानों को 8000 करोड़ रुपये की सब्सिडी दे रहे हैं। बताओ कौन सा राज्य इतनी सब्सिडी दे रहा है। हालांकि आम आदमी पार्टी (आप) के प्रमुख और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू की जन कल्याण के मुद्दे उठाने के लिए तारीफ की, लेकिन दावा किया कि प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह तथा मौजूदा मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने उन पर दबाव बनाया है। केजरीवाल ने पंजाब की दो दिन की यात्रा के दौरान यह दावा भी किया कि कांग्रेस के करीब 25 विधायक और राज्य के दो-तिहाई सांसद उनकी पार्टी से संपर्क में हैं और उसमें शामिल होना चाह रहे हैं। लेकिन उन्होंने कहा, ‘हम दूसरे दलों के कचरे को नहीं लेते।’ सिद्धू की तारीफ का कोई मतलब ही नहीं रहा। दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा, ‘मैं सिद्धू के साहस के लिए उनकी प्रशंसा करता हूं।’ उन्होंने कहा कि जब मुख्यमंत्री चन्नी ने दावा किया था कि जनता को पांच रुपये प्रति घन फुट पर रेत बेची जा रही है तो सिद्धू ने उनकी बात को ‘सुधारा’ था। केजरीवाल ने कहा, ‘सिद्धू ने मुख्यमंत्री को बताया कि यह अब भी 20 रुपये प्रति घन फुट पर बेची जा रही है।’ उन्होंने कहा कि सिद्धू हमेशा जनहित के मुद्दे उठाते रहे हैं, लेकिन पहले उन्हें अमरिंदर सिंह ने दबाया और अब चन्नी उन्हें दबा रहे हैं।
कांग्रेस नेतृत्व ने सिद्धू की सभी बातें मानीं। वरिष्ठ अधिवक्ता डी एस पटवालिया अब पंजाब के नए एडवोकेट जनरल (महाधिवक्ता) हैं। पटवालिया वही शख्स हैं, जिनकी नियुक्ति के लिए पंजाब कांग्रेस प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू लगातार जोर दे रहे थे। पंजाब कैबिनेट द्वारा वरिष्ठ अधिवक्ता ए पी एस देओल के इस्तीफे को स्वीकार किए जाने के कुछ दिनों बाद पटवालिया को राज्य के शीर्ष कानून अधिकारी के रूप में नियुक्त किया गया था। देओल ने 1 नवंबर को उस वक्त मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी से मुलाकात के बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया था, जब सिद्धू ने सार्वजनिक रूप से उनकी नियुक्ति पर सवाल उठाया था और नए राज्य मंत्रिमंडल में विभागों के वितरण पर सीएम के साथ बहस की थी। एडवोकेट जनरल के रूप में देओल की नियुक्ति के खिलाफ सिद्धू की यह आपत्ति थी कि वह पूर्व डीजीपी सुमेध सिंह सैनी के वकील रहे हैं और विभिन्न मामलों में उनके लिए जमानत हासिल कर चुके हैं। सैनी कोटकपूरा पुलिस फायरिंग के मामलों में भी जांच के घेरे में हैं, जो 2015 में बेअदबी के मामलों के बाद हुई थी। ए पी एस देओल के साथ ही सिद्धू कार्यवाहक पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) के रूप में इकबाल प्रीत सिंह सहोता की नियुक्ति का भी विरोध कर रहे हैं। सहोता और देओल दोनों ही मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी की पसंद माने जाते हैं।
इसके बावजूद सिद्धू पाकिस्तान की तरफदारी करते हैं। पाकिस्तान को लेकर पंजाब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के बयान पर हंगामा खड़ा हो गया था। नवजोत सिंह सिद्धू ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की कि अगर आप पंजाब की भलाई चाहते हैं तो हमें क्रॉस बॉर्डर ट्रेड के लिए भारत-पाकिस्तान सीमा खोलनी चाहिए। दरअसल कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू शनिवार को पाकिस्तान स्थित गुरुद्वारा करतारपुर साहिब पहुंचे थे।
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