भैया दूज
कितना पावन दिन है आया
ये त्योहार मनाऊं। मैं
मेरा प्यारा प्यारा भैया
उसकी ही नली जाऊं मैं
भाई की खुशहाली खातिर
बहना पूजन करती है।
भाई हो दीर्घायु हमारा।
प्रभु से विनती करती है।
रोग दोष सब दूर रहे बस ।
मेरा भैया अजर अमर रहना।
भाई को शुभकामनाएं देती।
कहती आज सभी बहना।।
भाई की खुशहाली खातिर।
मंगल गीत सुनाती है।
हे गिरधारी मुरली वाले।
भीख रक्षा की मांगती है।।
मेरा भाई मायका मेरा।
सभी स्वस्थ सकुशल रहें।
कोई आंच ताप ना आए।
यही कामना करती है।।
तुझसे जो रिश्ता है भाई।
बड़ा अनोखा पावन है।
जनम जनम का साथ बहन का।
रिश्ता ये मनभावन है।।
रूठे कभी मानाए बहाना।
कभी छेड़े कभी खिजाती है।
लुका छिपी दोनों करते।
पीछे अपने दौड़ाती है।।
तुझसे कुछ ना चाहूं भैया।
बस रखना तुम मान मेरा।
कोई भी संकट आए तो।
कुछ पल देना साथ मेरा।
मणि बेन द्विवेदी
वाराणसी उत्तर प्रदेश
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