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चलो यह अभियान....

चलो यह अभियान.... 

चलो यह अभियान हम ही चलाते हैं,
इस उत्सव किसी मित्र के घर जाते हैं।
उपहार छोड़कर मिलन के लिए जायें,
कुछ उनकी सुनें अपनी सुना आते हैं।

क्यों चाह अपनी कोई हमारे घर आये,
क्यों विशेष होने का अहसास दिलाये?
चलो आज हम ही सब रिश्ते निभायें,
रिश्तों की अहमियत सबको समझायें।

उपहारों के बोझ से सबको बचाकर,
सम्बन्धों का महत्व सबको बताकर,
उत्सव का सार सनातन संस्कृति होता,
मानवता बचायें धर्म का सार सिखाकर।

अ कीर्ति वर्द्धन
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